जय जय भारत की,जय है
नव ,भारत भाग्य, अभ्युदय है
देखो , चन्द्र विजय है
दृढ़ निश्चय,होता न पराजित
मिल जाती, अन्त विजय है
जय जय, भारत की जय है
मां धरती के पुत्र,हैं,प्रणम्य
गणना, में होती ,शुद्धता
है सूक्ष्म,त्रुटि भी, न उनमें
उनका होता,दृढ़ ,निश्चय है
जय,जय,भारत की जय है
है भारत का प्रकाश,चमकीला
धवज,तिरंगा है हुआ,गर्वीला
उन्नत और भी ,ललाट देश अब
जन जन में, हर्ष लहर है
जय,जय,भारत की जय है
गूंज रहे गीत और गान हैं
बढ़ा,विश्व में, देश का सम्मान है
हैं खुशियां,अपार सर्वत्र ही
ब्रज,मंगल विजय पर न संशय है
जय जय ,भारत की जय है
- डॉ ब्रजभूषण मिश्र