सावन के अंतिम सोमवार मे क़ुरबानी
लखनऊ,12 अगस्त 2019: सावन के अंतिम सोमवार मे त्याग की भावना (क़ुरबानी) शामिल हो गई है और बकरीद ने कुर्बानी के महत्व को और भी महान बना दिया। इंसानियत को बुलंदियों पर पंहुचा दिया है।
1- जो हिन्दू भाई मासाहारी हैं और वो बकरीद के दिन अपने मुसलिम भाईयों के घर मीट की दावत मे शामिल होते है उन्होंने सावन के अंतिम सोमवार के मद्देनजर बकरीद के दिन मीट ना खाने की कुर्बानी दी है। यानी अपनी इच्छाओं का त्याग दिया है।
2- कई मुस्लिम परिवारों ने आज बकरीद के दिन सावन के अंतिम सोमवार का एहतराम किया। हिंदू भाइयों के इस ख़ास दिन को देखते हुए आज बकरे की कुर्बानी नहीं दी। बकरीद की क़ुरबानी तीन दिन तक दी जा सकती है इसलिए ये लोग कल मंगलवार या परसों बुधवार को बकरे की कुर्बानी देंगे। कुछ मुसलमानों के इस फैसले ने कुर्बानी के जज़्बे को और भी अज़ीम बना दिया है।
– नवेद शिकोह