डॉ दिलीप अग्निहोत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ही दिन में जम्मू कश्मीर व मुम्बई के कार्यक्रमों में सहभागी हुए। जम्मू कश्मीर में उन्होंने विकास कार्यों की सौगात दी। इनका महत्व केवल जम्मू कश्मीर तक ही सीमित नहीं था। प्रसंग पंचायती राज का था। इसलिए नरेंद्र मोदी का सन्देश पूरे राष्ट्र की लिए था। संयोग यह कि इसके बाद शाम को मुम्बई में नरेंद्र मोदी को समाज सेवा के लिए लता दीनानाथ मंगेशकर सम्मान प्रदान किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर में विकास के नए आध्यय का शुभारंभ किया।
उनकी सरकार जम्मू कश्मीर को राष्ट्र की मुख्य धारा में जोड़ने का कार्य पहले ही कर चुकी है। इसमें बाधक अनुच्छेद 370 व 35 ए को पहले ही हटा दिया गया है। उसके बाद से यहां व्यापक परिवर्तन दिखाई दे रहा है। इतना ही नहीं यहां से पूरे देश की पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ करने का सन्देश दिया गया।
नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर सांबा के पल्ली पंचायत में आयोजित समारोह में सहभागी हुए। जम्मू कश्मीर में कनेक्टिविटी और बिजली से जुड़े लगभग बीस हजार करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
उन्होंने कहा कि यहां राष्ट्री पंचायती राज दिवस का आयोजन बड़े बदलाव का प्रतीक है। जम्मू कश्मीर में ग्रास रूट तक लोकतंत्र पहुंचा है। संवैधानिक सुधार के बाद जम्मू कश्मीर में विकास का नया दौर शुरू हुआ है। जम्मू कश्मीर अब तक पंचायत राज व्यवस्था से वंचित था। केंद्र सरकार की योजनाओं को जम्मू-कश्मीर में तेजी से लागू किया जा रहा है। लोगों को इसका लाभ मिलने लगा है।
अनुच्छेद 370 हटने से महिलाओं, दलितों और बाल्मिकि समाज को उनके अधिकार मिले हैं। सत्तर वर्षों बाद जम्मू-कश्मीर के वंचित वर्ग को आरक्षण का लाभ मिल रहा है। वाल्मीकि समाज को आजादी के बाद पहली बार संवैधानिक अधिकार मिला। पहले जम्मू-कश्मीर के लिए केवल पांच हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। आज राज्य को विकास के लिए बाइस हजार करोड़ रुपये का बजट मिला है। पहले जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए शुरू की गई एक फाइल को राज्य तक पहुंचने में तीन महीने तक लगते थे। आज यह तीन सप्ताह के भीतर यहां पहुंचती है। नरेंद्र मोदी ने देश की ग्राम पंचायतों से कुपोषण और एनीमिया के बारे में जागरूकता पैदा करने का आह्वान किया। इसके साथ ही प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। खेती में इस्तेमाल होने वाले रसायन धरती मां को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
जमीन को रासायनिक उर्वरकों से बचाने और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है। आजादी के अमृत महोत्सव में देश के प्रत्येक जिले में एक अमृत सरोवर बनाने का संकल्प लिया गया है। यहां के अनेक परिवारों को गांवों में उनके घर के प्रॉपर्टी कार्ड भी दिए गए। सौ जनऔषधि केंद्रों का शुभारंभ किया गया। इससे जम्मू कश्मीर के गरीब परिवारों को लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने करीब साढ़े अट्ठाइस हजार करोड़ रुपये की उद्योग नीति की सौगात दी थी। इस उद्योग नीति से जम्मू-कश्मीर को अभी तक बावन हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए है। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने विश्वास व्यक्त किया कि अगले छह महीनों में निवेश का यह प्रस्ताव सत्तर हजार करोड़ रुपये से अधिक होगा। संवैधानिक सुधार के बाद जम्मू कश्मीर विकास की नई राह पर आगे बढ़ रहा है। बहुत जल्द यह निवेश की दृष्टि से देश का प्रमुख औद्योगिक केंद्र होगा।
जम्मू कश्मीर में पंचायत राज समारोह के बाद नरेंद्र मोदी सीधे मुम्बई पहुंचे थे। यह उनकी कार्यशैली का ही उदाहरण है। वह राष्ट्र के कार्यों में अनवरत सक्रिय रहते है। यहां उन्हें पहले लता दीनानाथ पुरष्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरष्कार भी उन्होंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया। लता मंगेशकर के नाम पर यह पहला पुरस्कार है।
उन्होंने कहा कि संगीत क्षेत्र का मुझे ज्यादा ज्ञान नहीं है। लेकिन संगीत का महत्व पता है। संगीत का एक स्वर आंखों से आसू निकाल सकता है। संगीत का एक स्वर वैराग्य उत्पन्न कर सकता है। संगीत का स्वर राष्ट्रभक्ति की भावना का संचार कर सकता है। देश ने संगीत की शक्ति लता दीदी के रूप में महसूस किया है। पैतालीस वर्ष पूर्व सुधीर फडके ने नरेंद्र मोदी का लता मंगेशकर से परिचय कराया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आमतौर पर कोई पुरस्कार स्वीकार नहीं करता हूँ। लेकिन लता दीदी के नाम पर दिए गए पुरस्कार को स्वीकार करने के प्रलोभन छोड़ नहीं सका। यह पुरस्कार मंगेशकर परिवार के प्यार का प्रतीक है।