भारत सरकार V/s ट्विटर संसदीय समिति के सवाल पर ट्विटर के प्रतिनिधि का जवाब
नई दिल्ली, 20 जून, 2021: केंद्र सरकार और माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर के बीच चल रही तनातनी के बीच शुक्रवार को ट्विटर के प्रतिनिधि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़ी संसदीय स्थायी कमेटी के सामने पेश हुए। इस बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है कि जब कमेटी के सदस्यों ने ट्विटर से पूछा कि देश के कानून का उल्लंघन करने पर क्यों न उनके खिलाफ जुर्माना लगाया जाए, तब इसके जवाब में ट्विटर के प्रतिनिधि ने कहा है कि हम अपनी पॉलिसी को फॉलो करते हैं। संसदीय कमेटी ने ट्विटर से कहा है कि देश का नियम-कानून सबसे ऊपर है और यह आपकी पॉलिसी नहीं है।
सांसद शशि थरुर की अध्यक्षता वाली इस कमेटी ने पिछले सप्ताह इस मंच के दुरुपयोग और नागरिकों के अधिकारों के संरक्षण से संबंधित विषयों पर ट्विटर को तलब किया था।
बताया जा रहा है कि ट्विटर इंडिया की लोक नीति प्रबंधक शगुफ्ता कामरान और विधिक परामर्शदाता आयुषी कपूर ने कमेटी के सामने अपनी बात रखी है।
मालूम हो कि पिछले काफी समय से भारत सरकार और ट्विटर के बीच तनातनी चल रही है।
सरकार का कहना है कि ट्विटर को देश के कानून का पालन करना होगा और इसके लिए वह दबाव भी बना रही है लेकिन ट्विटर का रवैया इससे काफी अलग है। इसी सिलसिले में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़ी संसदीय स्थायी कमेटी ने ट्विटर के प्रतिनिधियों को तलब किया था।