लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां शुरू हो चुकी है मोदी सरकार यानि एनडीए के सामने अब इंडिया ( विपक्ष ) की एक बड़ी दीवार खड़ी कर दी गयी है ऐसे सोशल मीडिया पर एनडीटीवी का एक सर्वे आया है जिसमें इंडिया को 84 प्रतिशत वोट मिलने की सम्भावना बताई जा रही है ! लेकिन इससे यह तय नहीं माना जा सकता है कि इंडिया जीत ही गया क्योंकि मोदी सरकार बहुत मजबूत स्थिति है और उसे 39 दलों का समर्थन और हासिल हो गया है। फिलहाल स्थिति तो डाल- डाल मैं पात पात वाली है मुकाबला दिलचस्प होने कि सम्भावना है !
फिलहाल राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा, कर्नाटक विधानसभी चुनाव में जीत और विपक्षी दलों की एकता के प्रयासों जैसे कदमों से कांग्रेस में काफी उत्साह है। वह इस साल राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भी खासी आशान्वित है। इनमें राजस्थान और छत्तीसगढ़ में उसकी सरकारें हैं और उनके फिर चुने जाने की उम्मीद है जबकि मध्य प्रदेश में भाजपा के भीतर बढ़ती गुटबाजी से भी उसको लगता है कि वहां उसकी सरकार बन जाएगी।
यही कारण है कि वह भारतीय जनता पार्टी पर पूरी तरह से हमलावर है पार्टी पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा की आलोचना करने से कोई मौका नहीं चूकती। इसी तारतम्य में उसने संसद के मॉनसून सत्र में केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। पार्टी का कहना है कि हम चुनी हुई सरकारों के हक के लिए संघर्ष करेंगे। साथ ही उसने मणिपुर हिंसा, संघीय ढांचे पर आक्रमण और महंगाई समेत कई मुद्दों को भी उठाने का फैसला किया है।
उसका कहना है कि वह चुनी हुई सरकारों के संवैधानिक अधिकारों पर केंद्र की राजग सरकार के आक्रमण का हमेशा विरोध करती रही है और आगे भी करती रहेगी पार्टी की इस घोषणा को इस मायने में अहम माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली से संबंधित केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर कांग्रेस से उसका रुख स्पष्ट करने की मांग कर रही है।
पार्टी का यह भी कहना है कि वह इस सत्र में प्रधानमंत्री से मणिपुर के मामले पर स्पष्टीकरण की मांग करेगी। पार्टी चाहती है कि सत्र के शुरू में इस पर चर्चा हो, प्रधानमंत्री इस पर बोलें और सदन में मौजूद रहें। पार्टी ने राज्यपालों की भी इस बात की आलोचना की है कि वे राज्यों के संघीय ढांचे पर केंद्र के इशारे पर हमला कर रहे हैं। इस तरह यह बात साफ होती है कि संसद के आगामी सत्र में पार्टी सत्ता दल के ऊपर पूरी तरह से हमलावर रहेगी और उसे घेरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ेगी। इस लिहाज से यह कहा जा सकता है कि संसद का आगामी सत्र काफी हंगामाखेज होगा।