पर्यटन के लिहाज से मैसूर साऊथ का सबसे बेस्ट प्लेस है भारत के दक्षिणी छोर में स्थित कर्नाटक की राजधानी बंगलौर से 140 किलोमीटर दूर मैसूर वाकई खूबसूरत शहर है। यह एक बहुत खुशबूदार शहर भी है। यहां चमेली, गुलाब आदि फूलों की सुगंध के अलावा चंदन और कस्तूरी की खुशबू से वातावरण सुगंधित रहता है। मैसूर चंदन के विशाल जंगलों, हाथियों, बगीचों और महलों के अलावा कला, संस्कृति, प्राकृतिक सुंदरता तथा ऐतिहासिक धरोहर से समृद्ध भारत का प्रमुख शहर है। वह अपनी रंगीन सांस्कृतिक एकीकरण के साथ मैसूर कर्नाटक राज्य की सांस्कृतिक स्थान का दर्जा प्राप्त कर चुका है। विजयनगर साम्राज्य और वाडियार राजवंश के युग में यह वापस अपने मैसूर में पर्यटकों के आकर्षण के बहुत से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लाखों लोगों का ध्यान पर अपना आधिपत्य कर रखा है। यदि आप घूमने का प्लान बना चुके है तो मैसूर पर भी एक नज़र गौर ज़रूर फरमाइयेगा।
मैसूर के कुछ खास पर्यटन स्थल:
जगनमोहन पैलेस:
- कृष्णराज वाडियार ने अपनी बेटी की शादी का जश्न मनाने के लिए वर्ष 1861 में जगनमोहन पैलेस बनवाया था। वह महल मैसूर पैलेस के पश्चिम में स्थित है इस पैलेस में राजा एवं उनके परिवार का निवास स्थान वर्ष 1861 से सन 1912 तक रहा।
- अब इसे एक आर्ट गैलरी में तब्दील कर दिया गया एवं इस आर्ट गैलरी का नाम सन 1955 में जगनमोहन पैलेस आर्ट गैलरी रखा गया। यह आर्ट गैलरी और संग्रहालय आधिकारिक तौर पर सन 1915 में शुरू किया गया। यहाँ प्रदर्शित चित्रों पर लोगों के बहुमत है जो वाडियार राजाओं के जीवन को एवं प्रसिद्ध दशहरा त्योहार को दर्शाती है।
वृंदावन गार्डन
- मैसूर का वृंदावन गार्डन शहर के केन्द्र से 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बगीचा कावेरी नदी के पास स्थित है और इसे कृष्णराज सागर बांध के नीचे बनाया गया है, जोकि अपने आप में इंजीनियरिंग का एक शानदार उदाहरण प्रस्तुत करने के साथ ही साथ यह एक प्रमुख पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी है।
- वृंदावन गार्डन के उत्तरी छोर की ओर प्रबुद्ध नृत्य फव्वारे निश्चित रूप से इस जगह को और भी अधिक आकर्षक बना देते हैं। यहाँ पर नाव की सवारी का भी आनंद उठाया जा सकता है।
मैसूर पैलेस
सोमनाथपुरम मंदिर
- सोमनाथपुरम मंदिर शिवानासमुद्र झरने के निकट स्थित है जो की मैसूर से मात्र 25 किलोमीटर की दूरी पर है। यह मंदिर अति सूक्ष्मता से तारे के आकार में खुदी हुई होने के साथ ही साथ और त्रिकोणीय बुर्ज में बनी हुई है।
- यह मंदिर एक विश्व धरोहर स्थलो में से एक है एवं इतिहास के जानकार लोगों के साथ ही साथ यह प्रकृति प्रेमियों के लिए भी घूमने योग्य स्थान है। इस मंदिर को एक अलग ही स्थान दिया जाता है।
चामुंडी हिल्स:
बांदीपुर वन्य प्राणी उद्यान:
मैसूर का चिड़ियाघर:
मैसूर का चिड़ियाघर कई प्रकार की जातियों के पशु−पक्षियों से भरा पड़ा है। चिड़ियाघर में सुबह नौ बजे से सायं छह बजे तक भ्रमण किया जा सकता है। विश्व में अपनी तरह का अकेला सेंट फिलोमेना चर्च भी मैसूर में ही स्थित है। गोथिक शैली में बना यह चर्च मध्ययुगीन वास्तुकला का उदाहरण है।
1979 ईसवीं में स्थापित रेल संग्रहालय में रेलवे इंजन, शाही गाड़ियों के डब्बे तथा विभिन्न प्रकार के सिग्नल आदि प्रातरू 10 बजे से सायं 5 बजे तक देखे जा सकते हैं। सोमवार को संग्रहालय बंद रहता है। मैसूर से 90 किलोमीटर दूर घने जंगलों, पहाड़ों तथा नदियों वाले नागरहोल नेशनल पार्क में विभिन्न प्रकार के पशु−पक्षी भी देखे जा सकते हैं।
जब आप मैसूर जाएं तो वहां से अगरबत्तियां, रेशमी वस्त्र, पीतल की हस्तशिल्प की वस्तुएं और लकड़ी तथा चंदन की विभिन्न वस्तुओं को खरीदना नहीं भूलें। मैसूर देश के अनेक शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। यहां का निकटतम हवाई अड्डा बंगलौर है, जोकि मैसूर से 140 किलोमीटर दूर है। यहां से मैसूर जाने के लिए रेल, बस और टैक्सी की सुविधाएं उपलब्ध हैं।