Shagun News India
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Sunday, October 1
    Shagun News IndiaShagun News India
    Subscribe
    • होम
    • इंडिया
    • उत्तर प्रदेश
    • खेल
    • मनोरंजन
    • ब्लॉग
    • साहित्य
    • पिक्चर गैलरी
    • करियर
    • बिजनेस
    • बचपन
    Shagun News India
    Home»ब्लॉग

    नया वर्ष क्या वास्तव में नया है?

    ShagunBy ShagunJanuary 6, 2022 ब्लॉग No Comments5 Mins Read
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email
    Post Views: 51

    जी के चक्रवर्ती

    मानव सभ्यता विकसित होते- होते आज ऐसे दौर में पहुंच गई कि जहां हमें अपना जीवन व्यतीत करने के लिये एक सामाजिक संरचना के अंतर्गत एक जैसा जीवन व्यतीत करते-करते ऊँब न जायें और मानव जीवन नीरस न हो जाये इसके लिये आमोद-प्रमोद से लेकर खुशियां मनाने एवं समाज के लोगों के बीच एक रूपता कायम करने के लिये एक उपलक्ष व कारण का निर्धारण कर ब्रत-त्यौहार, नाटकों से लेकर खेल, गायन, वादन , समारोहों के मध्य से खुशियां एवं मनो भावों को एक आयाम दे कर जीवन को मनोरंजित करने के एक साधन के रूप में विकसित हो कर हमारे मानव जीवन में रच बस गया है।

    हमारे समाज में उल्लास मनाने वाले दिनों में से एक नव वर्ष भी है।

    प्रतिवर्ष पहली जनवरी के दिन हम सभी लोग एक दूसरे को नये वर्ष की शुभकामनाएं एवं बधाइयां देते हैं। लेकिन नया साल कहें यां नव वर्ष साल दर साल पहली जनवरी के दिन हम वर्षो से मानते चले आ रहें है और आगे भी मानते रहेंगे लेकिन वास्तव में यह नया वर्ष मनाने का सिलसिला कहाँ से कब और कैसे प्रारम्भ हुआ?

    पहली जनवरी को नया साल मनाने की परंपरा ग्रिगोरियन कैलेंडर आजाने के पश्चात हुई थी यह ईसाइयों का कैलेंडर है लेकिन हमारे भारतीय समाज के लोगों में नव वर्ष मनाने की परम्परा की शुरुआत विश्व मे सर्व प्रथम हुई है।

    भारत में हिंदू नववर्ष चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारम्भ होता है। ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के रचियता ब्रह्रमा जी ने इसी दिन को संसार की रचना कर प्राणियों के जीवन की शुरूआत किया था जिसके कारण इसे नव संवत के नाम से संबोधित किया जाता है।

    हमारा देश विश्व की 7 नम्बर पर आने वाला सबसे बड़े देश में से एक है और हमारे यहां एक बहुत बड़ा धर्म सिख धर्म है। सिख धर्म का कैलेंडर अलग है। दरअसल सिख नानकशाही कैलेंडर के अनुसार 14 मार्च को “होला मोहल्ला” नया साल की शुरुआत मानते होता है। इसे देश के पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों में वैशाखी पर्व के रूप में मनाया जाता है।

    वहीं सिंधी समुदाय के लोगों के मध्य नव वर्ष चैत्र माह की द्वितीया तिथि को चेटीचंड उत्सव के रूप में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान झूलेलाल का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन वे अपना नया साल मनाते है।

    वैसे हमारे देश के शेष धर्मों के जैसे जैन धर्म का भी अपना एक अलग नया वर्ष होता है। जी हां आपको बता दें कि जैन धर्म में नए साल को निर्वाण संवत कहते हैं। ये दीपावली के दूसरे दिन मनाया जाता ह। मान्यता है कि इससे एक दिन पहले ही महावीर स्वामी को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। इसलिए इस दिन को वे अपने नये साल के रूप में मनाते है।

    जब हम बात करते हैं ईसाईयों की तो उनके नया साल मनाने के पीछे एक इतिहास है और इस सम्प्रदाय में नए साल की तारीख उनके आज के समय मे उपयोग में लाई जा रही अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मनाये जाने की परम्परा है।

    वैसे विश्व मे नव वर्ष (न्यू ईयर) मनाने की परंपरा आज से लगभग 4000 वर्षो पुरानी बताई जाती है। ऐसी मान्यता है कि सबसे पहले नया साल 21 मार्च को बेबीलोन में मनाया गया था। यह वह समय था जब रोम के तानाशाह जूलियस सीजर ने ईसा पूर्व 45वें वर्ष में जूलियन कैलेंडर की स्थापना की, उस समय विश्व में सर्व प्रथम 1 जनवरी को नया वर्ष मनाया गया था लेकिन कुछ समय अंतराल इस कैलेंडर में कुछ त्रुटियों के कारण पोप ग्रेगारी ग्रेगेरियन द्वारा एक नया कैलेंडर बनाया गया, जो कि जूलियन कैलेंडर का रूपांतरण है।

    आपकी जानकारी के लिए यह बताना आवश्यक है कि ग्रिगोरियन कैलेंडर से भी पहले रूस की “जूलियन” कैलेंडर ईसाई समुदाय के लोगों के समाज मे प्रचलित हुआ करता था जिसमें 1 वर्ष मात्र 10 ही महीनों का हुआ करता था।
    अमेरिका के नेपल्स के फिजीशियन एलॉयसिस लिलिअस द्वारा 15 अक्टूबर वर्ष 1582 में एक नया कैलेंडर बना कर सबके सामने लाये जिसमें वर्ष की शुरुआत पहली जनवरी के दिन से ही की गई थी और यह केलेंडर धीरे-धीरे दुनियाभर में प्रचलित हो गया और उस समय से दुनिया के अधिकतर हिस्सों में 1 जनवरी के दिन को नव वर्ष के रूप में मनाया जाने लगा। उस समय से लेकर आज तक दुनिया के ज्यादातर देशों में पहली जनवरी के दिन से ही नये वर्ष की शुरुआत माना जाने लगा।

    वहीं मुस्लिम समुदाय के लोगों के मध्य इस्लामिक नववर्ष- इस्लामिक या हिजरी कैलेंडर के अनुसार मोहर्रम महीने की पहली तारीख को अपना नया साल मनाते हैं।

    वहीं दुनिया भर के पारसी समुदायों में 19 अगस्त के दिन नवरोज पर्व के रूप में अपना नव वर्ष समारोह मनाते हैं।

    वैसे सही अर्थों में कहा जाये तो हम नव वर्ष मानते जरूर हैं लेकिन क्या यह वास्तव में नया है? इस प्रश्न के उत्तर में यदि हम सात्विक सत्य कहे तो यह केवल एक निरन्तरता है जो साल दर साल और युग युगान्तर से चला आ रहा है, इस दुनिया की सार्वभौमिक सत्य है कि यह एक मात्र परिवर्तन भर है।

    Share. Facebook WhatsApp Twitter Pinterest LinkedIn Telegram
    Shagun

    Keep Reading

    जब एक संगीतकार ने लता मंगेशकर से कहा आपकी आवाज फिल्मी गायन के उपयुक्त नहीं!

    सपा ने कभी फाड़ा था बिल, आज नरेंद्र ने फिर पेश कर दिया लोकसभा में

    लोकसभा चुनाव में खुद मिट जाएंगे सनातन मिटाने वाले : स्वाती सिंह

    हिन्दी दिवस को उत्सव की तरह मनाया चाहिए

    विफलता का परिणाम क्या आत्महत्या है ?

    चुनावी जोड़-घटाव के बीच गैस सिलिंडर के दाम घटे

    Add A Comment

    Leave A Reply Cancel Reply

    EMAIL SUBSCRIPTIONS

    Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
    Loading
    Advertisment
    NUMBER OF VISITOR
    585235
    Visit Today : 214
    Visit Yesterday : 0
    Hits Today : 6880
    Total Hits : 11166372
    About



    ShagunNewsIndia.com is your all in one News website offering the latest happenings in UP.

    Contact us: editshagun@gmail.com

    Facebook X (Twitter) LinkedIn WhatsApp
    Popular Posts

    वेबीनार में उपभोक्ताओं ने गिनाई समस्याएं, एकमुश्त समाधान योजना की उठी मांग

    October 1, 2023

    जब एक संगीतकार ने लता मंगेशकर से कहा आपकी आवाज फिल्मी गायन के उपयुक्त नहीं!

    September 29, 2023

    अपना श्रेष्ठ देना कभी बंद न करें

    September 29, 2023

    मुंशीगंज अमेठी के अस्पताल को बंद करवाना स्मृति ईरानी का जन विरोधी कृत्य: कांग्रेस

    September 29, 2023

    वरिष्ठ चित्रकार आर एस शाक्या के चित्रों की प्रदर्शनी 29 सितंबर से

    September 29, 2023

    Subscribe Newsletter

    Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
    Loading
    © 2023 © ShagunNewsIndia.com | Designed & Developed by Krishna Maurya

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Newsletter
    Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
    Loading