लखनऊ, 28 सितम्बर। लखनऊ के बलरामपुर गार्डन अशोक मार्ग पर चल रहे 20वें अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला चल रहा है। किताब प्रेमियों के लिए अपनी पसंद के हिसाब से हजारों तरह के विकल्प हैं। मेले में कला प्रेमी यहां चाहे तो अकादमी की पत्रिका संगना और अंग्रेजी की संगीत नाटक की सदस्यता ले सकते हैं। पत्रिकाओं के अनेक विशेषांक यहां बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। भारतीय कला प्रकाशन में टेम्पल आर्कीटेक्चर आफर इण्डिया जैसी वास्तुकला की कई पुस्तकों के संग अंजता का वैभव, बुंदेलखण्ड की मूर्तिकला, कोर्णार्क, कथक परम्परा, इण्डियन क्लासिकल डांस जैसी अनेक किताबें है।
सुभाष बुक में कन्टम्परेरी इण्डियन आर्ट, कांगड़ा पेण्टिंग आफ लव, माडर्न इण्डियन आर्ट आदि किताबों के संग ही आक्शन हाउस अष्ट गुरु की शृंखला की कई किताबें हैं। स्टाल संख्या 106 में किताबें नहीं पर उपहार मे देने योग्य हस्तशिल्प सामग्री और पेण्टिंग्स हैं। एडवेंचर ट्रैवलिंग, प्यार, भावनाओं के साथ जिंदगी जीने के नये नजरिये पर केंद्रित दिव्यांश पब्लिकेशन के स्टॉल पर उपलब्ध जर्नलिस्ट धीरेन्द्र सिंह की एक किताब है अल्बलुआ। इसमें जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड समेत नेपाल के पोखरा का अलग नजारा लेखक की नजर से देखने को मिलेगा। किताब युवा से लेकर बुजुर्ग तक को प्रभावित करने वाली है।
मेला मंच पर आज के कार्यक्रमों की शुरुआत सुरभि कल्चरल ग्रुप की ओर से सम्मान समारोह व काव्यपाठ से हुई। डॉ.राही मासूम रज़ा अकादमी की ओर से मीर तकी मीर को याद करते हुए संगोष्ठी व कवि सम्मेलन में आयोजित किया गया। हफ़ीज़ क़िदवई, परवेज़ मलिकज़ादा ने गम्भीर चर्चा की। रत्ना बापुली, रश्मि लहर, अनुजा द्विवेदी, रंजना ने कविताएं सुनाई। शायर मेहदी हसन फ़हमी, श्याम जीत सिंह ने कलाम पेश किए। रामकिशोर और असगर मेहदी ने मीर तकी मीर और उनकी गज़लों के साथ राही मासूम रज़ा के आदर्शों को याद किया। पूनम सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
वसुंधरा फाउण्डेशन की ओर से गांधी दर्शन पर गोष्ठी में कवि नरेश सक्सेना को सम्मानित किया गया। यहां महात्मा गांधी : मानवता के लिए अविनाशी उपहार विषय पर रामकिशोर की अध्यक्षता मे विचार गोष्ठी को पद्मश्री डा.विद्या बिंदु सिंह, आनंदवर्धन सिंह, अखिलेश श्रीवास्तव चमन व इंडियन बैंक के महाप्रबंधक पंकज त्रिपाठी ने संबोधित किया।
संयोजक राकेश श्रीवास्तव ने स्कूली बच्चों के बीच महात्मा गांधी से संबंधित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजयी बच्चों को पुरस्कृत किया। मीनू श्रीवास्तव ने आभार प्रकट किया। वाणी प्रकाशन की ओर से दयानन्द पाण्डेय के लघु उपन्यास विपश्यना में प्रेम के कथाकार शिवमूर्ति की अध्यक्षता व रत्ना श्रीवास्तव के संचालन में हुए विमोचन समारोह में लेखक के संग ही डा.सुधाकर अदीब, डा.अनिल मिश्र, महेन्द्र भीष्म, सत्या सिंह, डा.हरिराम त्रिपाठी ने विचार व्यक्त किये।
इसी क्रम में राजकमल प्रकाशन की ओर से शिवमूर्ति की किताब अगम बहै दरियाव का लोकार्पण व चर्चा में लेखक के संग कथाकार अखिलेश और वीरेन्द्र यादव ने अपना दृष्टिकोण व्यक्त किया। अंतिम चरण में रेयान की ओर से सम्मान समारोह में भक्ति शुक्ला, अलका अस्थाना, स्नेहलता, मधु सिंह, अर्चना त्रिपाठी, कुसुम वर्मा, ज्योति किरन आदि महिला प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया।