बाल संग्रहालय चारबाग में लखनऊ पुस्तक मेला : तीसरा दिन
लखनऊ, 27 मार्च। चारबाग बाल संग्रहालय में चल रहा लखनऊ पुस्तक मेला यू तो हर विषय समेटे हुए है पर कई मायनों में यह मेला राममय लगता है। यहां पुस्तकें राम नाम की महिमा का बखान कर रही हैं। मेले में सजे हर बुक स्टाल कोई न कोई कोई किताब रामकथा से सम्बंधित मिल जाएगी।
पुस्तक मेले में आपको बोलती रामायण मिलेगी तो चार खण्डों में भारतीय भाषाओं में राम लगभग 20 हजार और और लोक मानस में राम जैसी पुस्तकों के दो खण्ड आठ हजार रुपये में वाणी प्रकाशन के स्टाल में उपलब्ध हैं। यहां उफुक लखनवी की उर्दू रामायण यक काफिया भी पुस्तक प्रेमियों का ध्यान खींचती है। नेशनल बुक ट्रस्ट के स्टाल पर विदेशियों व बच्चों को ध्यान मे रखते हुए राजेन्द्र अवस्थी की सीरीज़ ऑफ वेलर और हंसा मेहता की दि प्रिंस ऑफ अयोध्या जैसी किताबें हैं। स्कॉलर्स हब में बाल रामायण अंग्रेजी के साथ हिन्दी में है।
बुकलैण्ड में शारदा दुबे की अयोध्या की तस्वीरें पुस्तक के संग ही राम कथा पर दो खण्डों में छपी नरेन्द्र कोहली की अभ्युदय बुकलैण्ड के अलावा अन्य स्टालों में भी है। सस्ता साहित्य मंडल के स्टाल में सूरजमल मोहता की वाल्मीकि कृत रामायण, नाना भाई भट्ट की रामायण के पात्र, विशम्भरसहाय प्रेमी की तुलसी रामकथा, चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य की की दशरथनंदन श्रीराम, वियोगी हरि की विनय पत्रिका पर टीका औ वियोगी हरि की ही हमारी पुरातन कथाएं जैसी पुस्तकों के अलावा शान्तिकुमार नातूराम व्यास की रामायणकालीन समाज एक विहंगम दृष्टिकोण की राह खोलती है। ऐसी ही अन्य किताबें भी मेले में उपलब्ध हैं।
साहित्यिक मंच पर आज महिला विद्यालय की शिक्षिका डा.रश्मि श्रीवास्तव की दो कृतियों महिलाओं की शिक्षा सन्दर्भी आज की चुनौतियों का सूक्ष्म विश्लेषण प्रस्तुत करती ‘भारतीय समाज में स्त्री शिक्षा’ तथा ‘बदरंग घड़ियां’ का लोकार्पण हुआ। समारोह में प्रो.के.डी. सिंह, प्रो.अखिलेश चौबे, अलका प्रमोद ने विचार रखे। “बदरंग घड़ियां पुस्तक बाल श्रमिक बच्चों की मनोदशा वा स्कूल से उनकी दूरी की वेदना को काव्य रूप में प्रस्तुत करती है।
संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने बताया कि सामने स्टेशन होने के नाते यहां समूचे शहर से कहीं भी आने-जाने की सुविधा उपलब्ध है। कई स्टालों पर 10 प्रतिशत से भी ज्यादा छूट उपलब्ध है।