लखनऊ पुस्तक मेला : साहित्यिक-सांस्कृतिक आयोजनों का दौर भी शुरू
लखनऊ, 26 मार्च। हाथों में आते ही किताबें बोलने लगीं। शब्द कहीं तस्वीर और कहीं साक्षात दृश्य सा खींचने लगे। पुस्तक मेले में आकर कुछ ऐसा ही अहसास पुस्तक प्रेमियों को बाल संग्रहालय चारबाग में आज से प्रारम्भ लखनऊ पुस्तक मेले में हुआ। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ थीम पर आधारित यह लखनऊ पुस्तक मेला तीन अप्रैल तक जारी रहेगा।
फीता काटने के संग ही दीप प्रज्ज्वलित कर मेले का उद्घाटन करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता रामजीदास ने किताबों का महत्व बताते हुए कहा कि पुस्तकों में सहेजा हुआ ज्ञान ही सबसे प्रामाणिक माना जाता है। पुस्तकें व्यक्ति का मार्ग प्रशस्त करती हैं।
उत्तर प्रदेश ओलम्पिक एसोसिएशन के उपाध्यक्ष टीपी हवेलिया ने मेले की थीम और चाणक्य के वक्तव्यों के उदाहरण देते हुए कहा कि नदियों को जोड़ने जैसे लोक कल्याण की भावना से भरे कार्य वर्तमान सरकार में हों रहे हैं। इससे पहले ज्योति किरन रतन के संचालन में चले उद्घाटन समारोह में अतिथियों का स्वागत करते हुए संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने पुस्तक प्रेमियों को 2003 से चले आ रहे पुस्तक मेले के आयोजनों और बदलते आयामों और थीम से परिचित कराया और कहा कि पहली बार कोलकाता पुस्तकालय भी मेले में शामिल हो रहा है।
ज़िला प्रशासन, नगर निगम, पुलिस कमिशनरेट स्मार्ट सिटी के संग ही रेडियोसिटी, ऑर्गेनिक इंडिया, किरण फाउण्डेशन, ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन, ऑरिजिंस, विजय स्टूडियो, सेफ एक्सप्रेस, विश्वम फाउण्डेशन, समग्र, स्टार टेक्नोलॉजीज आदि के सहयोग से आयोजित इस मेले में कल विविध आयोजनों के साथ ही युवाओं के विविध कार्यक्रम प्रमुख रूप से होंगे। उद्घाटन अवसर पर डा.अमिता दुबे, ऋषभ रस्तोगी, विशाल श्रीवास्तव व अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।