बाघ के आतंक को लेकर खतरा अभी भी बरकरार, पीलीभीत में दीवार पर आराम फरमाता दिखा टाइगर
उत्तराखंड के भीमताल में कई दिनों से आतंक का पर्याय बने आदमखोर तेंदुआ आखिरकार वन विभाग के बीचये जाल में फंस ही गया। इससे लोगों ने बड़ी राहत की साँस ली। अब तक इस आदमखोर गुलदार (तेंदुआ) ने 13 लोगों को अपना शिकार बना चुका था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीणों ने कहा कि गुलदार पिंजरे में कैद हुआ है, पूरे क्षेत्र में बाघ और तेंदुओं का आतंक मंडरा रहा था। जिससे ग्रामीणों में भयंकर दहशत थी लोग अपने घरों से बह निकलने में दर रहे थे क्योंकि उसने अब तक बहुतों का शिकार बना लिया था।
बता दें कि बाघ की दहशत से सभी पीड़ितों ने भीमताल के ताड़ा में ग्रामीणों से मुलाक़ात की एवं वन विभाग के अधिकारियों को 27 दिसंबर तक आदमखोर को पकड़ने का अल्टीमेटम दिया तथा ग्रामीण महिलाओं के साथ बाघ ना पकड़े जाने पर 28 दिसंबर को दोबारा आंदोलन के लिए तैयार रहने के लिए सहमति बनाई थी।
सोशल मीडिया के एक ट्विटर हैंडल पर एक thehillnews.in ने एक वीडियो अपलोड कर लिखा कि भीमताल के खुटानी चौराहे पर यह उमड़ा जनसैलाब आक्रोशित है, गुस्से में है। यह आगबबूला हैं क्योंकि पिछले 13 दिन में तीसरी महिला की मौत गुलदार के हमले से हुई। कल के हमले में मारी गई 19 वर्षीय बेटी निकिता का शव चौराहे पर रखकर यह लोग सरकार से अपने परिवारों की रक्षा की मांग कर रहे हैं।
ट्विटर हैंडल पर एक ने लिखा राम भरोसे पहाड़, कभी बाघ, कभी गुलदार, 2 माह में 17 लोग बने शिकार। भीमताल के अलचौना में किशोरी को बनाया निवाला, लोगों में आक्रोश।
फिलहाल नैनीताल के भीमताल में आदमखोर तेंदुआ पिंजरे में कैद हो चुका है, वन विभाग ने तेंदुआ को पकड़ने के लिए लगाए थे 10 से ज्यादा पिंजरे जिसमे वह फंस गया है। लेकिन अभी बाघ को लेकर आतंक बरकरार है !
पीलीभीत में दीवार पर आराम फरमाता दिखा टाइगर, अखिलेश यादव ने किया ट्वीट:
ताजा खबर के मुताबिक अब उप्र के पीलीभीत आवासीय क्षेत्रों में बाघ का सरेआम घूमना जनजीवन के लिए बेहद चिंता का विषय बन गया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव जी ने ट्वीट कर कहा कि पिछले कुछ समय में पीलीभीत में 50 से अधिक लोगों की जान जंगली जानवरों के हमले में जाना चिंतित करती है। इस सम्बन्ध में उन्होंने यह वीडियो भी शेयर किया है।