लखनऊ। बीते दिनों लखीमपुर खीरी में आतंक का पर्याय बनी आदमखोर बाघिन रेस्क्यू आपरेशन के बाद अब लखनऊ चिड़ियाघर की रौनक बढ़ा रही है.
मालूम हो कि बीते दिनों लखीमपुर खीरी में आदमखोर बाघिन का आतंक फैला हुआ था, उसे रेस्क्यू करने के लिए लखनऊ जू की टीम गई थी बाघिन को बेहोश करने के निर्देश दिए गए थे। फिलहाल बाघिन रेस्क्यू कर अब लखनऊ चिड़याघर लाया जा चुका है. बाघिन के दो दांत टूटे हुए हैं।
बता दें कि हाल ही में लखीमपुर खीरी के तिकुनिया वन क्षेत्र के खैरटिया गांव में एक बाघिन ने हमला कर दिया, जिससे मंदिर के पुजारी व गांव के एक बच्चे की मौत हो गई। बाघिन का आतंक बढ़ने पर उसे बेहोश कर पकड़ने के निर्देश प्रधान मुख्य वन संरक्षक की ओर से दिए गए थे।
पहले से पकडे गए बाघ लखनऊ चिड़याघर में हैं
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लखीमपुर खीरी के जंगलों से रेस्क्यू कर लाए गए बाघ पहले से ही लखनऊ जू में हैं। साल 2009 में किशनपुर सेंचुरी से किशन को रेस्क्यू किया गया था। वर्ष 2013 में मैलानी से बाघिन रेस्क्यू की गई थी। इसके अलावा छेदी व वर्ष 2018 में निघासन रेंज में ग्रामीणों के हमले में घायल हुई बाघिन रेनू है। वहीं तीन शावकों को भी लाया गया था, जिनकी मां का शिकार हो गया था।
लखनऊ चिड़याघर लाई गयी दुधवा की आदमखोर बाघिन
फिलहाल आतंक का पर्याय बनी लखीमपुर के तिकुनिया की आदमखोर बाघिन को रेस्क्यू कर लखनऊ चिड़याघर लाया जा चुका है। बाघिन के दो दांत टूटे हुए हैं।
बता दें कि लखीमपुर के तिकुनिया में दुधवा नेशनल पार्क की बाघिन के हमले में तीन लोगों की मौत हुई थी। प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव के निर्देश पर नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान से जू चिकित्सक डॉ. ब्रजेंद्र मणि सहित दो सदस्य रेस्क्यू के लिए रवाना हुए थे। प्रधान मुख्य वन संरक्षक केपी दुबे ने बताया कि उसे लखनऊ प्राणि उद्यान लाया गया है, बाघिन के चिड़याघर आने से इनकी संख्या में वृद्धि होगी।
बड़ी निजात मिली:
मानसून की शुरुआत होने से पहले ही इस बड़ी समस्या से लोगों को बड़ी निजात मिली है वरना बारिश शुरू होने पर ये ऑपरेशन और जटिल हो जाता तथा मानव और बाघ दोनों के लिए खतरा बढ़ जाता। – अनुराग प्रकाश