हर साल 60 हजार रोजगार के नये अवसर होंगे पैदा
लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश में 4 बिलियन की लागत से मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने जा रही हैं। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सीएम ने मेडिकल इंडस्ट्री पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। इस पहल से प्रदेश की अर्थव्यवस्था में उछाल आने के साथ ही स्थानीय लोगों को सस्ता इलाज, दवा और जांच की बेहतर सुविधा मिलने की उम्मीद भी जगी हैं। मेडिकल इंडस्ट्री की स्थापना से हर साल 60 हजार रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे। सरकार इसके लिए प्रदेश के मध्य और पश्चिमी यूपी को बी फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क के रूप में विकसित करेगी। इसके अलावा फॉर्मा पार्क जमीन खरीदने पर कंपनी को ब्याज पर सब्सिडी, बुनियादी सुविधाओं के निर्माण पर ब्याज पर सब्सिडी देगी। इसके साथ ही कंपनी को कुल लागत पर 15- सब्सिडी के साथ स्टांप शुल्क पर भी छूट दी जा सकती है। यूपी में बने मेडिकल डिवाइस और दवाओं को जर्मनी, फांस, साउथ एशिया और यूएसए में सप्लाई किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सीएम योगी ने एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा, कि वर्तमान में मेडिकल इंडस्ट्री में काफी ऑपर्चुनिटी है क्योंकि यह हाईटेक और डिमांडिंग इंडस्ट्री है। वहीं पूरे देश में यूपी में सबसे ज्यादा सालाना लगभग 74 हजार फॉर्मा ग्रेजुएशन की पढ़ाई बच्चे पूरी करते हैं। ऐसे में यूपी को मेडिकल हब के रूप में आसानी से विकसित किया जा सकता है। इसके लिए मध्य और पश्चिमी यूपी के कुछ शहर ज्यादा मुफीद हैं। यह शहर एक्सप्रेस-वे के आस-पास मौजूद हैं। साथ ही यहां पर पहले से छोटी-छोटी मेडिकल कंपनियां हैं।
सीएम योगी ने कहा कि वर्तमान में मेडिकल के क्षेत्र में यूपी ग्रोथ स्टेट वैल्यू एडिशन (जीएसवीएन) वन बिलियन डॉलर से कम है इसे बढ़ाकर 2 से 3 बिलियन डॉलर करने की जरूरत है। ऐसे में इसे बढ़ाने के लिए मेडिकल डिवाइस पार्क को विकसित करने के लिए गौतमबुद्धनगर को चुना गया है। इसके लिए गौतमबुद्धनगर स्थित जेवर एयरपोर्ट के पास जमीन को चिह्नित कर लिया गया है। जल्द ही यहां पर मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। इसके अलावा गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर नगर, गोरखपुर और हापुड़ में फॉर्मा पार्क का निर्माण किया जाएगा।
योगी सरकार मेडिकल इंडस्ट्री की कंपनियों को यूपी में फॉर्मा पार्क की स्थापना के लिए जमीन खरीद पर 50 प्रतिशत तक ब्याज पर सब्सिडी और फॉर्मा पार्कों के अंदर बुनियादी सुविधाओं के साथ सामान्य सुविधाओं के निर्माण पर 60 प्रतिशत तक ब्याज पर सब्सिडी देगी। इसके अलावा कुल लागत पर 15 प्रतिशत तक सब्सिडी देने के साथ जमीन खरीद पर स्टांप शुल्क में छूट देगी। मेडिकल इंडस्ट्री के रूप में विकसित करने के लिए करीब एक हजार से लेकर 17 सौ एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए योगी सरकार 3 से 4 बिलियन डॉलर खर्च करेगी। वहीं, विदेशों और अन्य राज्यों में मेडिकल डिवाइस और दवाओं की सप्लाई के लिए ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की भी स्थापना की जाएगी।
यूपी में बने मेडिकल डिवाइस और मेडिसिन को यूएसए, फांस, जर्मनी और साउथ एशिया में सप्लाई किया जाएगा। यहां पर चिकित्सीय उपकरण, उपकरण और दवा की काफी डिमांड है। यहां पर चिकित्सीय उपकरण में लैब उपकरण, नीडल, सूचर, डेंटल किट आदि की सप्लाई की जा सकती है जबकि उपकरण में एक्स रे मशीन के पाटर्स आदि शामिल हैं। वहीं, प्रदेश में मेडिकल इंडस्ट्री की स्थापना से मेटल, मशीनरी, कांच, केमिकल और प्लास्टिक इंडस्ट्री में भी ग्रोथ होगी क्योंकि बिना इन इंडस्ट्री के फॉर्मा कंपनी अपने प्रोडेक्ट को तैयार नहीं कर सकती है। इससे रोजगार के साधन भी उपलब्ध होंगे। एक अनुमान के अनुसार प्रदेश में मेडिकल इंडस्ट्री की स्थापना से हर साल 60 हजार रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे। जबकि अभी यह आंकड़ा 20 हजार से 40 हजार प्रति साल ही है। यह रोजगार प्रोडेक्शन, पैकेजिंग, सुपरवाइजर, प्रोडेक्शन मशीन ऑपरेटर, क्वालिटी कंट्रोल केमिस्ट और मैनेजर आदि के क्षेत्र में सबसे अधिक उपलब्ध होंगे।