मीटर से टेम्परिंग का मामला : उपभोक्ताओं को भी भुगतना पडता है खामियाजा
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने पावर कॉर्पोरशन प्रबंधन से मांग की और कहा लखनऊ में रविवार को एसटीएफ द्वारा मीटर को धीमा करके बिजली निगम को आर्थिक क्षति पहुंचाने का एक बडा मामला सामने आया जिसमें बिजली निगम के कुछ अभियंता की मिलीभगत चलते विभाग से 500 से ज्यादा मीटर बाहर किसी प्राइवेट व्यक्ति के घर पर पहुंचे जहां उसने अपनी प्राइवेट प्रयोगशाला बना रखी थी और जहां पर यह खेल चल रहा था इस पूरे मामले की बिजली निगमों को गहन छानबीन करना चाहिए इसके लिए जो भी दोषी मिले उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की आवश्यकता है।
अध्यक्ष ने एक सवाल उठाते हुए कहा कि एक तरफ सभी मीटर निर्माता कंपनियां बोलती है कि उनके मीटर की एम0आर0आई उनके ही सॉफ्टवेयर से की जा सकती है ऐसे में सभी मीटरों जो अलग-अलग कंपनी के हैं उनकी चिप एक दूसरे में अदला-बदली कैसे होती रही।
इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज व प्रबंध निदेशक पंकज कुमार से मुलाकात की और इस प्रकार की कार्यवाही में जो भी अभियंता कार्मिक संलिप्त है उनका पता लगा कर उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही किए जाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि भविष्य में इलेक्ट्रॉनिक मीटरों व स्मार्ट प्रीपेड मीटरों की तकनीकी में जिस प्रकार से छेडछाड आसानी से की गई है उससे यह बात साफ हो गई है कि सभी मीटर निर्माता कंपनियों को बुलाकर उन्हें इस बात का भी निर्देश दिया जाना चाहिए कि इस प्रकार की घटना भविष्य में ना हो इसलिए अगर जरूरत हो तो मैन्युफैक्चरिंग डिफरेंट को भी दूर कराया जाए यह बहुत ही गंभीर मामला है कि जब उपभोक्ताओं के परिसर पर लगने वाला मीटर रूपी तराजू ही असामाजिक तत्वों की परिधि में आ जाएगा तो आने वाले समय में इसका नुकसान जहां बिजली निगमों को भी उठाना पडेगा वही कहीं न कहीं इसका खामियाजा आदर्श उपभोक्ताओं को भी भुगतना पडता है।