डॉ दिलीप अग्निहोत्री
कोरोना संकट की शरुआत में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिकित्सकों को महत्वपूर्व भूमिका का आकलन किया था। वह जानते थे कि इस संकट के दौरान चिकित्सक व अन्य मेडिकल स्टाफ अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य करेंगे। कोरोना की पहली लहर में तो खासतौर पर चिकित्सकों ने सेवा का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया था। बड़ी संख्या में चिकित्सक उस अवधि में अपने घर नहीं गए थे।
नरेंद्र मोदी ने ताली थाली व दीप प्रज्ज्वलन का जो आह्वान किया था,उसका मनोवैज्ञानिक आधार था। नरेंद्र मोदी चाहते थे कि चिकित्सकों को यह लगे कि इस संकट के समय पूरा देश उनके साथ है। इसके अलावा यह भी सन्देश था कि कोरोना के विरुद्ध जंग में पूरे देश को एकजुट प्रयास करना है। नरेंद्र मोदी ने नेशनल डाॅक्टर्स डे के अवसर पर चिकित्सकों को संबोधित करने का निर्णय लिया। नरेंद्र मोदी शुरू से उनका उत्साह बढाते रहे है। वस्तुतः राष्ट्रीय एकता की मनोवैज्ञानिक अभिव्यक्ति होती है।
मोदी ने इस पर ध्यान दिया था। इससे सन्देश मिलता है कि कोरोना का मुकाबला एकजुटता से हो सकता है। तब अभिभावक की तरह राष्ट्र को संबोधित किया था। जिस अभिभावक लापरवाही देख कर विचलित होता है, उनकी चिंता करता है। इसका कारण भी है। समय समय पर साबुन से हाथ धुलना और मास्क का ध्यान रखिए। देश एक कठिन समय से निकलकर हम आगे बढ़ रहे हैं, थोड़ी सी लापरवाही हमारी गति को रोक सकती है।
हमारी खुशियों को धूमिल कर सकती है। जीवन की ज़िम्मेदारियों को निभाना और सतर्कता ये दोनो साथ साथ चलेंगे तभी जीवन में ख़ुशियाँ बनी रहेंगी। प्रधानमंत्री ने सेवा Doctors, Nurses, Health workers के सेवा धर्म की सराहना की थी। दुनिया के साधन संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल हो रहा है।इधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेशनल डाॅक्टर्स डे के अवसर पर चिकित्सकों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।
उन्होंने कहा कि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था में चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका, राष्ट्र निर्माण में चिकित्सकों के दायित्व से सभी अवगत है।कोरोना काल खण्ड में डाॅक्टरों के योगदान के लिए हम सभी उनके आभारी हैं। चिकित्सकों ने फ्रण्टलाइन कोरोना वाॅरियर्स केरूप में मानवता की सेवा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। सभी के सहयोग, कठिन परिश्रम और असीम प्रयासों से प्रदेश में कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। यह लड़ाई एक अदृश्य शत्रु के खिलाफ है। इसलिए हर स्तर पर पूरी सतर्कता बरतने के साथ-साथ कोविड-19 से बचाव और उपचार के लिए राज्य सरकार की ‘ट्रेस,टेस्ट एण्ड ट्रीट की नीति को प्रभावी ढंग से जारी रखना होगा। कोविड वैक्सीन का सुरक्षा कवच लक्षित आयु वर्ग के सभी लोगों तक पहुंचाने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहीं है।