नई दिल्ली, 22 जून, 2021: नेशनल कंपनीज लॉ ट्रिब्यूनल ने कर्जे से जूझ रही जेट एयरवेज की समाधान योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना को लंदन स्थित कैलरॉक कैपिटल और यूएई स्थित व्यवसायी मुरारी लाल जालान के कंसोर्टियम द्वारा भेजा गया था। इस रिेजोल्यूशन प्लान के तहत एनसीएलटी ने डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन और एविएशन मिनिस्ट्री उड्डयन मंत्रालय को स्लॉट अलॉट करने के लिए तीन माह का समय दिया है। हालांकि इस विमानन कंपनी डोमेस्टिक और इंटरनेशनल रूट दिए जाने की समस्या अब भी जस की तस बनी हुई है।
कैलरॉक-जालान कंसोर्टियम ने एनसीएलटी के सामने आगामी अगले पांच वर्षों में 1200 करोड़ रुपये के भुगतान का प्रस्ताव रखा है। इसमें बैंकों, वित्तीय संस्थाओं और कर्मचारियों का भुगतान भी शामिल है। इस समाधान योजना के तहत कंसोर्टियम ने 30 विमानों के साथ जेट एयरवेज को पूरी तरह से एक सर्विस एयरलाइंस के तौर पर पुन: स्थापित करने की योजना पेश की है।
आपको बता दें कि कभी जेट एयरवेज के पास में 120 विमानों का बेड़ा हुआ करता था। ये कंपन घरेलू उड़ानों के साथ सिंगापुर, लंदन और दुबई जैसे स्थानों के लिए अपनी नियमित विमान सेवा देती थी। लेकिन बढ़ते कर्ज के चलते इस कंपनी को अप्रैल 2019 में अपनी सभी उड़ानों को बंद करना पड़ा था। कंपनी को हुए घाटे की सबसे बड़ी वजह अन्य विमानन कंपनियों द्वारा किराए में लगातार की जा रही कटौती भी शामिल थी।
इसकी बदौलत विमान कंपनी को अपने हजारों की संख्या में ग्राहक खोने पड़े और इसका घाटा लगातार बढ़ता चला गया। जिस वक्त कंपनी ने अपनी विमान सेवा को बंद किया था उस वक्त कंपनी के ऊपर 30 हजार करोड़ रुपये की देनदारी थी। जून, 2019 में एनसीएलटी ने एसबीआई की अगुवाई वाले कर्जदाताओं के ग्रुप द्वारा जेट एयरवेज के खिलाफ दायर दिवाला याचिका स्वीकार की थी। अक्टूबर, 2020 में जेट एयरवेज के ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने ब्रिटेन स्थित कैलरॉक कैपिटल और यूएई स्थित उद्यमी मुरारी लाल जालान के गठजोड़ द्वारा प्रस्तुत समाधान योजना को मंजूरी दी थी।