IoT मिट्टी परीक्षण, ड्रोन इमेजिंग और मौसम अलर्ट से पैदावार बढ़ेगी; महिला लीडर्स चलाएंगी सेंटर्स, 3 साल में 100 केंद्रों का लक्ष्य, 8 लाख किसानों को फायदा
नई दिल्ली: भारत के अग्रणी अनाज व्यापार प्लेटफॉर्म आर्या.एजी (Arya.ag) ने छोटे किसानों को तकनीकी ताकत देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने देशभर में 25 स्मार्ट फार्म सेंटर्स लॉन्च किए, जो डेटा और तकनीक के जरिए खेती को स्मार्ट बनाएंगे। ये केंद्र फसल कटाई से पहले के चरणों में किसानों को सशक्त बनाएंगे, ताकि वे मौसम, मिट्टी और बाजार की सटीक जानकारी से बेहतर फैसले लें।
हर स्मार्ट फार्म सेंटर एक डेटा हब की तरह काम करेगा, जहां IoT-आधारित मिट्टी परीक्षण, स्थानीय मौसम पूर्वानुमान, ड्रोन इमेजिंग, क्लाइमेट इंश्योरेंस और प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध होंगी। ये समुदाय-आधारित महिला लीडर्स द्वारा संचालित होंगे। नियोपर्क भारतरोहन, फार्मब्रिज, फिनहाट और फाइलो जैसे पार्टनर्स के साथ मिलकर बने इन केंद्रों से किसान बुवाई, सिंचाई और फसल योजना में डेटा-ड्रिवन निर्णय लेंगे।

आर्या.एजी के चीफ सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर शेनॉय मैथ्यू ने कहा, “किसान अनिश्चितता से जूझते हैं। स्मार्ट फार्म सेंटर्स उन्हें समझ और नेटवर्क देंगे, ताकि तकनीक खेत तक पहुंचे और स्थानीय समुदाय मजबूत बने।” सीईओ प्रसन्न राव ने जोड़ा, “सहयोग से बड़ा बदलाव संभव है। ये केंद्र जमीनी हकीकत पर आधारित समाधान हैं।”
एक किसान स्वप्निल सतिंगे ने शेयर किया, “सेंटर की सलाह से मैंने बेहतर सोयाबीन किस्म और बीबीएफ तकनीक अपनाई। पैदावार और गुणवत्ता बढ़ी, बाजार में प्रीमियम दाम मिला।” सीवीआरपी सुमन यादव ने बताया, “चक्रवात अलर्ट से किसानों ने समय पर धान काट लिया, फसल बच गई।”
आर्या.एजी का नेटवर्क 1,600 एफपीओ और 8 लाख किसानों से जुड़ा है, जो 60% जिलों में 12,000 वेयरहाउसेस कवर करता है। सालाना 3 बिलियन डॉलर अनाज और 1.5 बिलियन डॉलर क्रेडिट हैंडल करता है। स्मार्ट सेंटर्स स्टोरेज, फाइनेंस और मार्केट से लिंक होकर पूरी वैल्यू चेन पारदर्शी बनाएंगे। कंपनी का लक्ष्य: 3 साल में 100 केंद्र।
बता दें कि यह पहल छोटे किसानों की आमदनी स्थिर करने और जोखिम कम करने में मील का पत्थर साबित होगी।







