गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग
नई दिल्ली, 29 मई 2022: बाल अधिकारों की दिशा में काम करने वाले गैरसरकारी संगठनों (एनजीओ) ने पिछले दो वर्षों में कोविड-19 महामारी के सामाजिक प्रभाव के कारण बच्चों की गुमशुदगी के मामलों में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की है। स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए इन संगठनों ने ग्राम स्तर पर बाल संरक्षण समितियों को तत्काल मजबूत करने और अभिभावकों को संवेदनशील बनाने तथा उन्हें जरूरी प्रशिक्षण देने का आह्वान किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने सरकार से इस बाबत पर्याप्त बजट आवंटित करने का आग्रह भी किया है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश में गुमशुदा बच्चों की कुल संख्या बढ़कर 1,08,234 पर पहुंच गई थी।
एनसीआरबी के अनुसार, साल 2008 से 2020 के बीच बच्चों की गुमशुदगी के सालाना मामले लगभग 13 गुना बढ़ गए। 2008 में देश में लापता हुए बच्चों की संख्या 7,650 थी। कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन की सहयोगी संस्था बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) के कार्यकारी निदेशक धनंजय टिंगल ने बताया कि पिछले दो वर्षों में बीबीए ने देशभर में लगभग 12,000 बच्चों को बचाया।