डॉ दिलीप अग्निहोत्री
पांच वर्ष पहले तक उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में मेडिकल कॉलेज का सपना देखना भी संभव नहीं है। योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से यह सपना साकार हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने पांच दिन पहले कुशीनगर में मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया था। यह क्रम आगे बढ़ा। नरेंद्र मोदी सिद्धार्थनगर की यात्रा पर पहुंचे। यहां उन्होंने मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया। इसके साथ ही वहीं से एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर और जौनपुर के मेडिकल कॉलेजों को भी डिजिटल माध्यम से लोकार्पित किया। इस प्रकार उत्तर प्रदेश में नौ मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया गया।
उत्तर प्रदेश में मेडिकल कॉलेज, एयर पोर्ट आदि की स्थापना इसी श्रेणी में है। चार वर्ष में तीस से अधिक नये मेडिकल काॅलेज बनाये गये हैं। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि सभी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले। पूर्वी उप्र का एक बहुत बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य सेवाओं के लिए गोरखपुर पर निर्भर रहता है।
फिलहाल गोरखपुर में एम्स का निर्माण हो चुका है। प्रधानमंत्री के हाथों पूर्वांचलवासियों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधा के प्रमुख केन्द्र के रूप में इस एम्स की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। आयुष्मान भारत की योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक ऐसी योजना है, जिसमें किसी भी पात्र परिवार को हर वर्ष पांच लाख रुपये तक की निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा आसानी से उपलब्ध हो सकती है। इसी तर्ज पर राज्य सरकार ने भी आयुष्मान भारत योजना से वंचित लोगों के लिए अपने संसाधनों से मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत आच्छादित करके पांच लाख रुपये तक सालाना स्वास्थ्य बीमा की सुविधा उपलब्ध करायी है।
कैम्प लगाकर लोगों के गोल्डन कार्ड बनाये जा रहे हैं। व्यक्ति गोल्डन कार्ड लेकर किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में अपना इलाज करा सकता है। उसको हर प्रकार की सुविधा वहां प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि चालीस लाख अन्त्योदय कार्ड धारकों को भी मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल किया जा रहा है। श्रमिकों को भी पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा देने की शुरुआत कर दी गयी है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन हुआ है। देश के हर नागरिक के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा और गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों के लिए विभिन्न प्रकार की जन कल्याणकारी योजनाएं संचालित हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने के साथ ही देश के सामान्य नागरिक को भी बेहतर स्वास्थ्य के लिए किसी भी प्रतिष्ठित चिकित्सालय में इलाज की सुविधा अब आसानी से उपलब्ध हो सकती है। चार वर्ष पहले उत्तर प्रदेश में मात्र चार एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर तथा आगरा क्रियाशील थे।पच्चीस गन्तव्य स्थान हवाई सेवाओं से जुड़े थे। चार वर्ष में दो गुने अर्थात आठ एयरपोर्ट क्रियाशील हो गए हैं जिनसे कुल इकहत्तर गंतव्य स्थानों हवाई सेवाएं जुड़े हैं। कुशीनगर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य इस वर्ष पूर्ण कराया गया। यह एयरपोर्ट अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों हेतु उपलब्ध है।
राज्य सरकार द्वारा चार वर्षों में चार एयरपोर्ट्स का विकास पूर्ण कराया जा चुका है। दस अन्य का विकास कराया जा रहा है। जेवर एवं अयोध्या में बनने वाले अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों को सम्मिलित करते हुए राज्य में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या बढ़कर पांच हो जाएगी।
उत्तर प्रदेश में चार वर्ष पहले बारह मेडिकल कॉलेज थे। इनकी संख्या चार गुना बढ़ गई है। सिद्धार्थनगर में माधव प्रसाद तिवारी मेडिकल कॉलेज, देवरिया में महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज, गाजीपुर में महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज, मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी मेडिकल कॉलेज,प्रतापगढ़ में डॉ. सोने लाल पटेल मेडिकल कॉलेज, एटा में वीरांगना अवंतीबाई लोधी मेडिकल कॉलेज, फतेहपुर और हरदोई समेत नौ मेडिकल कॉलेज पूर्वांचल की सेवा करने को तैयार हैं।