बालगीत
बागों में अब बेर आ गए
आ जा री बुलबुल।।
बेर ढेर के ढेर आ गए
आ जा री बुलबुल।।
पीले पीले बेर रसभरे
जी भर कर खा ले।
बैठ बाग में मेरे मीठे
गाने तू गा ले।
तोतों के भी झुंड आ गए
आ जा री बुलबुल।।
तेरे संग इक सेल्फी लूंगा
मत इतना घबरा।
तेरे लिए पकौड़ी , टाफी
लाया है झब रा।।
मेरे साथी सभी आ गए
आ जा री बुलबुल।।
चिढ़ा रही है हमें गिलहरी
बैठ डाल ट्टिल टिल।
चुपके चुपके बेर छांट कर
खाती है टि ल टिल।
शबरी के भगवान आ गए
आ जा री बुलबुल।।
खट्टे मीठे बेर आ गए
आ जा री बुलबुल।।
– शिव (एफबी वाल से साभार )
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