राजस्थान और हिमाचल के तर्ज पर सरकार संविदा कर्मियो को राज्य कर्मचारी का दर्जा दे
लखनऊ, 01 जुलाई, 2021: मनरेगा योजना में कार्यरत 45000 संविदा कर्मियों की समस्याओं को लेकर आज 1 जुलाई 2021 से अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन पर पूर्व केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद के सदस्य संजय दीक्षित ने शुरू किया हैं। मनरेगा संविदा कर्मियों से संबंधित प्रमुख मांगे निम्न वत है।
14 साल से कार्य कर रहे इन संविदा कर्मियों को राजस्थान अथवा हिमाचल की तर्ज पर राज्य कर्मचारी का दर्जा दे समायोजित किया जाए ।सेवा प्रदाता द्वारा मनरेगा योजना में संविदा कर्मियों की आपूर्ति को पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाए। इपीएफ ईएसआईसी समेत अन्य महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा कवच इन 45000 संविदा कर्मियों को उपलब्ध कराया जाए। मानव संसाधन नीति एवं तबादला नीति निर्धारित की जाए इन संविदा कर्मियों के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर नियुक्त मेट का जॉब कार्ड चार्ट संशोधित किया जाए।
इनकी नियुक्ति प्रदेश स्तर सेना कर अधिनियम अनुसार ग्राम पंचायत स्तर पर हो, संजय दीक्षित ने बताया की वर्तमान संविदा व्यवस्था देश के नौजवानों को बंधुआ मजदूरी की तरफ ढकेल रही है, यद्यपि उत्सव उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया है, कि संविदा कर्मियों को समान काम का समान वेतन मिलना चाहिए। किंतु राज्य सरकारें ऐसा ना करके देश के नौजवानों के साथ छलावा कर रही हैं, इस अमानवीय संविदा व्यवस्था के ऊपर अब ठेकेदार अर्थात सेवा प्रदाता को भी ला देने का कुत्सित प्रयास का जमकर विरोध होगा, शीघ्र ही पूरे प्रदेश में सभी 822 ब्लॉकों में मनरेगा कर्मी सरकार को मुख्यमंत्री के नाम प्रेषित ज्ञापन सौंपकर, इसका विरोध करेंगे। अगर मनरेगा योजना में सेवा प्रदाता पूरी तरह प्रतिबंधित नहीं होता है, और इन 45000 कर्मियों को समान काम का समान वेतन अथवा समायोजन कर राज्य सरकार निर्णय नहीं लेती तो आने वाले समय में मजबूरन 45000 संविदाकर्मियों को सड़क पर उतरना पड़ेगा।