बलरामपुर गार्डन में बीसवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला
लखनऊ, 24 सितम्बर। नया साहित्य तो अपनी जगह है ही, पुस्तक मेला हर बार बहुत कुछ नया लेकर आता है। इस बार भी बच्चों और नवयुवाओं के लिए यहां बहुत कुछ नयी उपयोगी और प्रेरक सामग्री है। नयी तरह के पोस्टर, कार्ड्स और इस्तेमाल करने के बाद मिट्टी में डालने पर गुलाब के पौधे में बदल जाने वाले पेन और वैज्ञानिक उपकरण बलरामपुर गार्डन में कल से प्रारम्भ हुए पुस्तक मेले में बच्चों के साथ बड़ों को भी आकर्षित कर रहे हैं।
‘ज्ञान कुंभ’ की थीम पर केटी फाउंडेशन और फोर्स वन बुक्स द्वारा मुफ्त प्रवेश वाले बीसवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन दो अक्टूबर तक किया जा रहा है।
शाम होते-होते पूरे परिवार और बच्चों के संग आने वालों की तादाद भी खूब रही। मेले के लगभग हर स्टाल पर बच्चों की किताबें हैं। प्रकाशन विभाग के स्टाल पर बच्चों की कथाओं की किताबों के संग क्रान्तिकारियों और लोक साहित्य प्रचुर मात्रा में है। हिन्दी संस्थान के स्टाल पर प्रेमचन्द की कहानियों की किताबें बहुत ही कम मूल्य पर उपलब्ध हैं।
पुस्तक मेले में आज से साहित्यिक आयोजनों का दौर भी आरम्भ हो गया। सुबह से ही कविताओं के स्वर गूंजते रहे। सुबह अनागत साहित्य संस्थान की ओर से पुस्तक लोकार्पण के बाद काव्य समारोह में काव्य रस धार बही तो अपराजिता जज्बा जीत का संस्था की ओर से हुए काव्य समरोह में नये रचनाकारों के संग ही मुकुल महान जैसे स्थापित कवियों ने रचनाएं पढ़ीं।
मेले में कुछ स्टाल ऐसे भी हैं जो पहली बार या बहुत समय बाद यहां आए हैं। इनके अलावा दिव्यांश प्रकाशन, राजकमल, वाणी प्रकाशन, भारतीय ज्ञानपीठ, राजपाल, लोकभारती, प्रभात प्रकाशन, हिंद युग्म, सामायिक, सेतु, सम्यक, प्रकाशन संस्थान, प्रकाशन विभाग, केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण विभाग, हिंदी संस्थान आदि के स्टाल प्रमुख होंगे। संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली, रामपुर रज़ा लाइब्रेरी पब्लिशर्स, तिरुमाला, यशिका, एंजेल और कई अन्य प्रकाशक और वितरक भाग ले रहे हैं।