भारी मतों से तीन राज्यों में विजय का परचम लहराने वाली भाजपा ने सरकार बनाने की कवायद तेज कर दी है इस बीच संसद के शीत कालीन सत्र की कार्रवाई शुरू होने से पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वह बाहर की पराजय गुस्सा संसद के भीतर न उतारे। बता दे कि चार राज्यों की विधान सभाओं के चुनाव परिणामों के अनुसार तीन में भारतीय जनता पार्टी सशक्त रूप में उभरी है एक राज्य में कांग्रेस को जीत मिली है जबकि मिजोरम में आईएएस अधिकारी लाल दुहोमा को बहुमत मिला है। मप्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने जा रही है। इन तीनों ही राज्यों में कांग्रेस अपनी जीत का दावा कर रही थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करिश्मा और पार्टी की व्यूह रचना के सामने कांग्रेस के सारे दावे ध्वस्त हो गए। भाजपा ने इन तीनों राज्यों में सांसदों को भी चुनाव लड़ाया था और उसकी यह रणनीति कारगर रही।
इसका नतीजा यह रहा कि राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा को बारी-बारी से मौका देने का रिवाज कायम रहा, छत्तीसगढ़ में भी पार्टी पुनः सत्ता में आई और मध्य प्रदेश में उसकी सरकार लगातार कायम रही। निश्चित ही अब संसद के शीतकालीन सत्र में भाजपा और अधिक आत्मविश्वास में नजर आएगी तथा विपक्ष के प्रति उसका रुख और आक्रामक रहेगा। केंद्र व पार्टी द्वारा शासित राज्यों में जनोन्मुखी नीतियां बनाने का क्रम भी और गति पकड़ेगा। तेलंगाना में मतदाताओं ने दस साल से सत्तारूढ़ पूर्व की टीआरएस और वर्तमान में बीआरएस की सरकार को ठुकरा कर कांग्रेस को ताज पहनाया है। साफ है कि बीआरएस प्रमुख केसीआर का जादू खत्म हो चुका है और लोगों ने उनका विकल्प तलाश लिया है। कांग्रेस को उम्मीद के मुताबिक नतीजे न मिलने का राष्ट्रीय राजनीति में उसके स्थान पर असर पड़ेगा। अभी तक वह इंडिया गठबंधन में खुद को सबसे ऊपर मानती थी और क्षेत्रीय दलों को उतना महत्व नहीं दे रही थी लेकिन अब यह स्थिति बदलेगी और क्षेत्रीय दल ज्यादा महत्व पाने के लिए दबाव बनाएंगे।
अब विपक्ष को भाजपा का मुकाबला करने के लिए नए सिरे से रणनीति बनानी होगी और जनता का भरोसा जीतना होगा। खासतौर पर यह ध्यान में रखते हुए कि अब से कुछ ही महीनों के बाद अगले साल लोकसभा और उसके बाद सात राज्यों की विधान सभाओं के चुनाव होंगे। तब यह देखने की बात होगी कि भाजपा के आत्मविश्वास का सामना विपक्ष किस तरह करेगा।
फिलहाल जनता ने अपना निर्णय दे दिया है और अब उसे धरातल पर मोदी सरकार से करिश्मे की उम्मीद है देखना यह है कि इससे उनके जीवन स्तर में क्या सुधार होता है।