बोलती तस्वीरें: भक्ति में शक्ति के साथ प्रकृति की खूबसूरती मन को बेहद सुकून देती है भारत में अनेक ऐसे मंदिर हैं जहाँ चले जाइए तो बेहद शांति मिलती है यह मंदिर अपने अलग – अलग स्थानों पर स्थित हैं जहाँ खूबसूरती बसी है कुछ ऐसी ही तस्वीरें यहाँ पेश हैं जो आपको भी पसंद आ सकती हैं –
बद्रीनाथ धाम का अद्भुत नजारा
बद्रीनाथ धाम उत्तराखण्ड के चमोली जनपद में अलकनन्दा नदी के तट पर स्थित एक हिन्दू मन्दिर है, बद्रीनाथ मंदिर में भगवान विष्णु के अवतार बद्रीनारायण की पूजा की जाती है. यहां उनकी 3.3 फीट ऊंची शालिग्राम की बनी मूर्ति है।बद्रीनाथ धाम के बारे में कहा जाता है कि, भगवान विष्णु इस स्थान पर ध्यान में बैठे थे। अपने ध्यान के दौरान, विष्णु भगवान् जी ठंड के मौसम से अनजान थे। उनकी पत्नी लक्ष्मी ने बद्री वृक्ष ( बेर या भारतीय खजूर, जिसे हिंदी में ‘बेर’ कहा जाता है) के रूप में उनकी रक्षा की। लक्ष्मी की भक्ति से प्रसन्न होकर विष्णु ने उस स्थान का नाम बद्रिकाश्रम रखा।
माँ बगुलामुखी मंदिर का एक खूबसूरत नज़ारा :
माना जाता है कि बगुलामुखी का यह मंदिर महाभारत के समय का है। मंदिर के पुजारी के मुताबिक कृष्ण की प्रेरणा से पांड़वों ने यहां महाभारत के युद्ध में विजय प्राप्ति के लिए साधना की थी। कहा जाता है कि पहले इसे माताजी को देहरा के नाम से जाना जाता था। यहां पूजा में हल्दी और पीले रंग के पूजन सामग्री का विशेष महत्व है।
सुरकंडा देवी मंदिर, धनोल्टी, उत्तराखंड
यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है जो कि नौ देवी के रूपों में से एक है। यह मंदिर 51 शक्ति पीठ में से है। इस मंदिर में देवी काली की प्रतिमा स्थापित है। केदारखंड व स्कंद पुराण के अनुसार राजा इंद्र ने यहां मां की आराधना कर अपना खोया हुआ साम्राज्य प्राप्त किया था। सुरकंडा देवी मंदिर समुद्र तल से 2750 मीटर की ऊंचाई पर है। कद्दूखाल से मंदिर परिसर तक डेढ़ किमी की खड़ी चढ़ाई है। जिसे चढ़ने में डेढ़ से दो घंटे लगते हैं।