पौधों में चिकित्सकीय गुण के कारण दवाइयां बनाने की अपार क्षमता, सीएसआईआर-सीमैप ने मनाया 80वां सीएसआईआर स्थापना दिवस
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) का 80वां स्थापना दिवस सोमवार को एमएस टीम्स के माध्यम से सीएसआईआर-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप), लखनऊ में मनाया गया। बेंगलुरु, हैदराबाद, पंतनगर और पुरारा में स्थित सीएसआईआर-सीमैप के चार अनुसंधान केंद्र भी इस उत्सव में शामिल हुए। इस अवसर पर डॉ राम विश्वकर्मा, सलाहकार, डीजी, सीएसआईआर, नई दिल्ली एवं पूर्व निदेशक, सीएसआईआर-आईआईआईएम, जम्मू, मुख्य अतिथि थे।
मुख्य अतिथि, डॉ राम विश्वकर्मा ने ‘प्लांट बायोलॉजी एंड ड्रग डिस्कवरी: एन इमर्जिंग इंटरफेस’ पर सीएसआईआर स्थापना दिवस पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि पौधों के पास चिकित्सकीय गुणों वाले मॉलेक्यूल होते हैं, जो कि मनुष्य के स्वास्थ्य को ठीक करने की क्षमता रखते हैं। आज कल की बीमारियों में उनके अणुओं में भविष्य की दवाइयों को बनाने की अपार क्षमता है, क्योंकि ये न केवल प्राकृतिक होते हैं। इनसे कोई दुष्प्रभाव भी ना के बराबर होता है। उन्होंने कहा कि सीमैप, जो कि औषधीय पौधों पर कार्य करता है, उसे इन मॉलिक्यूल्स के खोज मे आगे बढ़ना चाहिये।
इस अवसर पर डॉ राम विश्वकर्मा द्वारा सीएसआईआर-सीमैप की ई-वार्षिक रिपोर्ट जो कि डॉ एन पी यादव और उनकी टीम द्वारा तैय्यार की गयी है। उसे जारी किया गया और औषधीय और सुगंधित पौधों के लिए डीएनए बैंक (डीबी-मैप्स) जो कि डॉ सुनीत सिंह धवन और उनकी टीम द्वारा तैय्यार किया गया है। उसका भी उद्घाटन किया गया।
सीएसआईआर-सीमैप के निदेशक डॉ प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने संस्थान की गत वर्ष के योगदान से अवगत कराया। उन्होंने संस्थान की महत्वपूर्ण उपलब्धियां, विशेष रूप से, सीएसआईआर – अरोमा मिशन का जिक्र किया। साथ ही साथ उन्होंने संस्थान द्वारा विगत वर्ष में की गयी वैज्ञानिक प्रगति, तकनीकि हंस्ताक्षण तथा कोविड-19 में सीमैप के योगदानों पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर डॉ अरविंद सिंह नेगी, डॉ संजय कुमार, डॉ मनोज सेमवाल, डॉ आकांक्षा सिंह, डॉ कपिल देव और संजय सिंह भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में संस्थान के लगभग 200 वैज्ञानिक, शोध छात्र एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे।