केंद्रीय युवा कार्य एवं खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने खिलाड़ियों के लिए शुरू की कई योजनाएं
खेलों को प्रोत्साहन देने और खिलाड़ियों को हर तरह की सहूलियत देने के लिए केन्द्र सरकार ने अब ऐसी व्यवस्था बना दी है कि जिसमें सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए खिलाड़ियों को खेल संघ या प्राधिकरणों की अनुशंसा का इंतजार नहीं करना पड़ेगा और वे खुद ही ऑनलाइन आवेदन करके नकद पुरस्कार, राष्ट्रीय कल्याण और पेंशन की योजनाओं का लाभ उठा पाएंगे।
यह हुए परिवर्तन :
- नकद पुरूस्कार या पेंशन के लिए साई या मंत्रालय से सत्यापन जरुरत नहीं
- पहले फाइल के सत्यापन में होती थी देरी , अब होगी समय की बचत
- डिज़िटल तकनीक के इस्तेमाल से परिक्रिया होगी सरल
- पोर्टल पर दस्तावेज आसानी से अपलोड कर सकेंगे एथलीट
- सक्रिय खिलाडी अब खेल विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन कर सकेंगे आवेदन
इसके लिए सरकार ने अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं एवं उनके प्रशिक्षकों के लिए नकद पुरस्कार की योजना, खिलाड़ियों के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कल्याण कोष (पीडीयूएनडब्ल्यूएफ्एस) और मेधावी खिलाड़ी पेंशन योजना में कई महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। खिलाड़ियों को आसानी से और पारदर्शिता के साथ इन योजनाओं का लाभ मिल सके इसके लिए केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज नई दिल्ली में खिलाड़ियों के लिए नकद पुरस्कार, राष्ट्रीय कल्याण व पेंशन की संशोधित योजनाओं और खेल विभाग की योजनाओं के लिए वेब पोर्टल और राष्ट्रीय खेल विकास कोष वेबसाइट का शुभारंभ किया।
इस मौके पर अनुराग ने नागरिकों को सशक्त बनाने तथा सरकार एवं नागरिकों के बीच की खाई को कम करने, प्रणाली और सुविधाओं, समस्याओं व समाधानों का उपाय करने के साथ-साथ न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और कदम के रूप में इस बदलाव की सराहना की।
अनुराग ने बताया कि इन संशोधित योजनाओं का लाभ लेने में अब खिलाडियों को बहुत आसानी होगी और इससे योजनाओं को लागू करने में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही आयेगी। अपनी प्रतिभा, कौशल व जीवटता से दुनिया में देश का नाम रौशन करने वाले खिलाड़ियों व उनके प्रशिक्षकों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लेने के लिए अब तक कितने पापड़ बेलने पड़ते थे इसके बारे में उल्लेख करते हुए केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने खुद ही माना है कि पहले खेल संघों या भारतीय खेल प्राधिकरण के माध्यम से इसके लिए प्रस्ताव प्राप्त भेजे जाते थे, जो प्रस्तावों को प्रस्तुत करने में काफै समय लेते थे।
कई बार तो खिलाड़ी को सरकारी योजना का लाभ देने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने में 1-2 वर्ष से भी अधिक समय लग जाता था। लेकिन इस समस्या से खिलाड़ियों को पूरी तरह निजात दिलाने के लिए नियमों में जो संशोधन किए गए है। जिससे खिलाडियों को अब सीधा लाभ उन्हें मिलेगा।