उपभोक्ता परिषद नए साल में सभी राजनीतिक पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं से करेगा मुलाकात
उपभोक्ता परिषद ने कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी राजनीतिक दल 3 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं के हित में अपने अपने घोषणा पत्र में यह ऐलान करें की आगामी 5 वर्षों की आने वाली सरकार में उनकी पार्टी प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली अच्छी बिजली देने के लिए कृत संकल्पित रहेगी या नही।
यह मांग वर्तमान परिवेश में इसलिए जरूरी है क्योंकि वर्तमान में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का प्रदेश की बिजली कंपनियों पर लगभग 20596 करोड रुपए निकल रहा है जिसके एवज में उपभोक्ताओं की बिजली दर सस्ती करने के लिए उपभोक्ता परिषद की याचिका पर विद्युत नियामक आयोग ने पावर कारपोरेशन से रिपोर्ट तलब की थी लेकिन अभी तक पावर कारपोरेशन द्वारा उपभोक्ता परिषद की बिजली दर सस्ती करने की याचिका का कोई भी जवाब दाखिल नहीं किया गया है ।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा नए साल में उपभोक्ता परिषद सभी राजनैतिक पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं से इस मुद्दे पर मुलाकात कर बात भी करेगा जिससे राजनीतिक पार्टियां अपने वादे से ना मुकरने पाये।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा सभी राजनीतिक दल जब सत्ता में नहीं होते हैं तो बिजली दर सस्ती करेंगे बिजली दर फ्री करेंगे का नारा देते हैं लेकिन जब सत्ता में आते हैं तो उपभोक्ताओं को कैसे सस्ती बिजली मिले इसके बारे में सोचना तो दूर चर्चा करना भी बेमानी समझते हैं इसलिए उपभोक्ता परिषद विधानसभा चुनाव के पहले सभी राजनीतिक दलों के सामने प्रदेश के तीन करोड विद्युत उपभोक्ताओं का वैधानिक सवाल दाग रहा है क्योंकि देश में उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य हैं जहां प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का प्रदेश की बिजली कंपनियों पर हजारों करोडों रुपया निकल रहा है ।
ऐसे में इसकी भरपाई एक साथ तो बिजली कंपनियां कर नहीं सकती इसलिए इसकी भरपाई करने के लिए उपभोक्ता परिषद सभी राजनीतिक दलों के सामने पंच वर्षीय सस्ती बिजली की घोषणा व उसे सभी राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र में देखना चाहता है।