नई दिल्ली। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि पाकिस्तान की धूलभरी हवा से दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। इस स्थिति में बारिश से ही कुछ सुधार संभव है, लेकिन अभी अगले एक सप्ताह तक इसकी कोई संभावना नहीं है।
पर्यावरणविदें और मौसम विज्ञानियों के अनुसार सर्दी खत्म होने के बाद वातावरण से नमी खत्म हो जाती है। आसमान साफ हो जाता है। हवा भी चलती रहती है। इससे प्रदूषक तत्व छंट जाते हैं, लेकिन इस साल मार्च की शुरुआत से ही सेंट्रल पाकिस्तान से जो गर्म हवा चल रही है, वह वाया राजस्थान दिल्ली तक आ रही है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार चूंकि बारिश न होने से सतही मिट्टी पूरी तरह सूखी हुई है, इसलिए हवा के साथ वह भी उड़ रही है। यही धूल कण प्रदूषण के स्तर में इजाफा किए हुए है।
फरवरी खत्म होते-होते दिल्ली एनसीआर की हवा सुधरने लगती है। इसीलिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) भी 15 अक्टूबर से 15 मार्च तक ही रहता है। डीजल जेनरेटर पर लगी रोक भी हटा ली जाती है, लेकिन इस वर्ष पहले मार्च और अब अप्रैल में भी हवा का हाल सुधरा नहीं है। द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों पर गौर करें तो मार्च में न एक भी दिन हवा अच्छी रही, न ही संतोषजनक। 12 दिन मध्यम, 17 दिन खराब, जबकि एक दिन बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई।
इसी तरह अप्रैल के पांच दिनों पर गौर करें तो हर दिन हवा का स्तर खराब ही रहा है। मालूम हो कि मार्च में औसत बारिश 15.9 मिमी जबकि अप्रैल में 8.8 मिमी है, जबकि अभी तक एक बूंद भी नहीं गिरी है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बारिश होने से मिट्टी और धूल कण दबे रहते हैं, लेकिन इस बार यह बिल्कुल सूखे होने के कारण हवा के साथ उड़ रहे हैं। इससे भी अबकी बार प्रदूषण का स्तर ऊंचा बना हुआ है और लोगों को परेशान कर रहा है।