- ‘आज कैंडिल मार्च निकाला’, ‘कल से होगा आमरण अनशन’
- माध्यमिक कम्प्यूटर अनुदेशक एसोसिएशन ने चार सूत्रीय माँगों को लेकर दूसरे दिन भी धरना जारी रखा
न्याय न मिलने और मांग पूरी न होने पर माध्यमिक कम्प्यूटर अनुदेशक एसोसिएशन उप्र ने अपनी चार सूत्री मांगों को लेकर आज शाम 6.00 बजे माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से गाँधी प्रतिमा (जीपीओ) हजरतगंज तक कैंडिल मार्च निकालकर सरकार को जागृत करने का प्रयास किया और सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन भी सौपा।
प्रान्तीय अध्यक्ष सुश्री साजदा पंवार ने बताया कि हरदोई जिले की कम्प्यूटर शिक्षिका श्रीमती शिल्पी अवस्थी विगत 3 सालों से बेरोजगार थी, आर्थिक तंगी से तंग आकर फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी और अब 4000 युवा कम्प्यूटर अनुदेशक बेरोजगारी एवं भुखमरी से तंग आकर आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि अगर प्रदेश सरकार ने इसे अब भी गम्भीरता पूर्वक नही लिया तो कल दिनांक 27.07.2017 से प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा संख्या में कम्प्यूटर अनुदेशक विवश होकर सुबह 10.00 बजे से आमरण अनशन शुरु करेंगे।
संगठन के संरक्षक माननीय चेतनारायण सिंह (सदस्य विधान परिषद) ने कहा कि आज के इस आधुनिकीकरण के युग में कम्प्यूटर विषय की महत्ता को ध्यान में रखते हुये सरकार, शासन तथा शिक्षा विभाग से आशा करता हूँ कि तीन वर्षाें से माध्यमिक विद्यालयों में बंद पड़ी कम्प्यूटर शिक्षा को संचालित करते हुये, पूर्व में शिक्षण कार्य कर चुके 4000 बेरोजगार युवा कम्प्यूटर शिक्षकों की सेवाओं को बहाल किया जाए।
धरने में प्रदेश महामंत्री अनिरुद्ध पाण्डेय, प्रदेश संयुक्त मंत्री श्रीमती सत्यम बाजपेयी, प्रदेश कोषाध्यक्ष इमरान खान मंसूरी, प्रदेश प्रवक्ता पुण्यप्रकाश त्रिपाठी, कु. सुरभि सिंह, कु. अनुपमा सिंह, कु. ज्योति जायसवार, कु. वर्षा, पुनीत कौशिक, रामनाथ चैहान, सतीश यादव, प्रमोद राजभर, जयप्रकाश, नीरज शुक्ला, अविनाश चतुर्वेदी, अरविन्द उपाध्याय, मो. दिलनवाज एवं अन्य पदाधिकारी/शिक्षक उपस्थित रहे।
प्रमुख मांगे
- प्रदेश के 4000 राजकीय/अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षा को तत्काल संचालित करने के लिये पद सृजित होने तक पूर्व में कार्य कर चुके कम्प्यूटर अनुदेशकों को जूनियर अनुदेशकों की भाँति मानदेय दिया जाये।
- 4000 राजकीय/अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में पंजाब तथा हिमाचल प्रदेश सरकार की भाँति पूर्व में कार्य कर चुके कम्प्यूटर अनुदेशकों का सीधे समायोजन किया जाये।
- राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में सृजित किये गये 1548 कम्प्यूटर शिक्षकों के पदों पर पूर्व में कार्य कर चुके कम्प्यूटर अनुदेशकों को समायोजित किया जाये।
- संघर्ष के दौरान संगठन के पदाधिकारियों पर गंभीर धाराओं में दर्ज मुकदमों को समाप्त किया जाये।