पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने निदेशको की चयन प्रक्रिया को निरस्त कर पुनः चयन प्रक्रिया करने की उठाई मांग कहा दलित व पिछडे वर्ग के अभियंताओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो इसलिए आरक्षण भी हो लागू
लखनऊ, 01 अक्टूबर 2023: उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन की प्रांतीय कार्य समिति की एक बैठक फील्ड हॉस्टल कार्यालय में संपन्न हुई जिसमें सर्वसम्मत से यह प्रस्ताव पास किया गया कि पावर कारपोरेशन विभागीय चयन समिति द्वारा जो अधिशासी अभियंता से अधीक्षण अभियंता की चयन प्रक्रिया में 120 नंबर की जगह 130 नंबर का जो मानक और अधीक्षण अभियंता से मुख्य अभियंता लेवल 2 की पदोन्नति के लिए 130 नंबर की जगह 140 नंबर का जो मानक बनाया जा रहा उसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा, समिति ने कहा क्योंकि इससे सबसे ज्यादा नुकसान बिजली कंपनियों में दलित वह पिछड़े वर्ग के अभियंताओं का होगा क्योंकि सबसे ज्यादा रिपोर्ट उनकी संतोषजनक गुड व वेरी गुड में ही लिखी जाती है इस प्रक्रिया से संतोषजनक व गुड की रिपोर्ट वाले कोई भी दलित वह पिछडे वर्ग के अभियंता पदोन्नति नहीं पाएंगे।
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष के बी राम कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा उपाध्यक्ष एसपी सिंह ने कहा एक तरफ विगत दिनों दर्जनों निर्देशकों के पद पर चयन प्रक्रिया साक्षात्कार माध्यम से की गई जिसमें जिन अभियंताओं की कोई जांच चल रही थी उन्हें भी निदेशक के पद के लिए साक्षात्कार के लिए बुलाया गया और वहीं दूसरी तरफ अधीक्षण अभियंता व मुख्य अभियंता लेवल 2 के पद पर चयन प्रक्रिया में 10 नंबर बढाकर पदोन्नति की प्रक्रिया को कराया जाना अपने आप में बडा सवाल उठा रहा है उच्च पद पर शिथिलता बरती जा रही है और उसके नीचे के सलेक्शन को कठिन बनाया जा रहा है ऐसे में पावर कॉरपोरेशन व उत्तर प्रदेश ऊर्जा विभाग को इस कार्यवाही को पारदर्शी तरीके से करने के लिए जो 10 नंबर की बढोतरी करके पदोन्नति की प्रक्रिया की जा रही है फिलहाल उसमें बदलाव की कोई आवश्यकता नहीं है। समिति ने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है कि निर्देशकों के पद पर चयन प्रक्रिया में जिन भी अभियंताओं के खिलाफ जांच चल रही थी उन्हें भी साक्षात्कार के लिए बुलाया गया ऐसे में निदेशकों की चयन प्रक्रिया को निरस्त किया जाना उचित प्रतीत होता है।
पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने सर्वसम्मत से एक बार फिर पुनः अपनी मांग को दोहराते हुए कहा बिजली कंपनियों में निदेशकों के पद पर चयन प्रक्रिया को पुनः कराया जाए और उसमें दलित व वर्ग के अभियंताओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था लागू की जाए जिससे उच्च पदों पर दलित व पिछला वर्ग के अभियंताओं का प्रतिनिधित्व सुनक्षित हो सके।