दहशरा से पहले रावण का अंत
विश्वप्रसिद्ध धारावाहिक “रामायण” में रावण का कालजयी किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी का निधन दुखद है। रावण के किरदार में ये जितने नास्तिक नजर आएं हैं, अपने जीवन में ये राम के उतने ही बड़े भक्त थे।
मालूम हो कि रामायण में रावण के जीवंत किरदार को निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी अब हमारे बीच नहीं रहे। कोरोना में जब दोबारा रामायण का प्रसारण हुआ। अरविंद त्रिवेदी, सीता-हरण दृश्य में हाथ जोड़ लेते हैं, जैसे रावण भूमिका के इस दृश्य के लिए क्षमाप्रार्थी हों। अरविंद जी ऐसे श्रेष्ठ कलाकार थे।
अभिनेता अरुण गोविल ने ट्वीट कर कहा कि आध्यात्मिक रूप से रामावतार का कारण और सांसारिक रूप से एक बहुत ही नेक,धार्मिक, सरल स्वभावी इंसान और मेरे अतिप्रिय मित्र अरविंद त्रिवेदी जी को आज मानव समाज ने खो दिया। नि:संदेह वे सीधे परमधाम जाएंगे और भगवान श्रीराम का सानिध्य पाएंगे।
रामायण सीरियल के रावण अरविंद त्रिवेदी का हार्ट अटैक से निधन हो गया। वे लंबे समय से थे बीमार चल रहे थे। टीवी जगत के लोकप्रिय धारावाहिक रामायण में रावण का किरदार निभा चुके एक्टर अरविंद त्रिवेदी का निधन हो गया उन्होंने 82 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। त्रिवेदी जी ने रामानंद सागर की रामायण में रावण का किरदार निभाया था जिसे काफी पसंद किया गया था। अरविंद त्रिवेदी का अंतिम संस्कार बुधवार सुबह मुंबई के दहानुकरवाड़ी श्मशान घाट में हुआ।
बता दें कि वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे, लेकिन मंगलवार की रात हार्ट अटैक आने की वजह से उनका निधन हो गया। अरविंद त्रिवेदी के निधन की पुष्टि उनके भतीजे कौस्तुभ त्रिवेदी ने भी की है।उनके साथी कलाकारों ने उन्हें सोशल मीडिया पर श्रद्धांजली दी।
रामायण में शानदार अभियन करने वाले अरविंद त्रिवेदी के कई और किरदारों को भी खूब सराहा गया। उन्होंने टीवी धारावाहिक विक्रम और बेताल में भी काम किया था यह शो भी छोटे पर्दे पर लंबे समय तक छाया रहा। अरविंद त्रिवेदी का जन्म मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में हुआ। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत गुजराती रंगमंच से की। उनके भाई उपेंद्र त्रिवेदी भी गुजराती सिनेमा का चर्चित नाम रहे हैं और गुजराती फिल्मों में एक्टिंग कर चुके हैं। गुजराती भाषा की धार्मिक और सामाजिक फिल्मों से अरविंद त्रिवेदी को गुजराती दर्शकों में पहचान मिलीए जहां उन्होंने 40 वर्षों तक योगदान दिया। उन्हें शानदार अभिनय के लिए कई पुरस्कार भी मिल चुके थे। कई बार उड़ चुकी थी मौत की अफवाह।
कोरोना लॉकडाउन के दौरान टेलीविजन पर रामायण शो का फिर से प्रसारण किया गया था जिसने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। हालांकि अरविंद त्रिवेदी के लंबे समय से बीमार रहने की वजह से कई बार मौत की अफवाह भी उड़ चुकी थी। त्रिवेदी ने कम से कम 300 हिंदी और गुजराती फिल्मों में काम किया। साल 2002 में उन्हें सेंट्रल बोर्ड फॉर फिल्म सर्टिफिकेशन सीबीएफसी का एक्टिंग चेयरमैन भी बनाया गया था। इसके अलावा वे साल 1991 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर सांसद भी बने थे और पांच साल तक पद पर रहे थे।
हार्ट अटैक और मल्टी ऑर्गन फेलियर के कारण उन्होंने दम तोड़ा। अरविंद त्रिवेदी रामायण में रावण की भूमिका में काफी पसंद किए गए थे। इस शो में दीपिका चिखलिया ने सीता का रोल अदा किया था। अरविंद त्रिवेदी की अंतिम यात्रा में शामिल होने के बाद दीपिका चिखलिया ने एक इंटरव्यू में शो में अरविंद त्रिवेदी के साथ निभाया सीता अपहरण का किस्सा याद किया। अरविंद त्रिवेदी संग काम करने का
अनुभव भी दीपिका ने साझा किया। उन्होंने कहा सीता अपहरण सीन के दौरान वह मुझे खींच रहे थे मेरे बाल खींच रहे, वह दरअसल रियल में इस सीन को लेकर काफी चिंतित थे और उन्हें बुरा लग रहा था। एक एक्टर के लिए इस तरह एक्ट करना थोड़ा मुश्किल होता है। वह एक गुजराती थे और वह मेरे से लगातार पूछ रहे थे कि आपको लगा तो नहीं। मैं उन्हें कहती थी कि मैं ठीक हूं और चिंता की कोई बात नहीं।
दीपिका ने आगे कहा कि सीन की डिमांड ही कुछ ऐसी थी कि उन्हें मेरे बाल पकड़कर खींचने थे जिससे सीन एकदम नैचुरल लगे वह इस चीज में फंस गए थे कि सीन उन्हें वह इस चीज में फंस गए थे, कि सीन उन्हें रियल दिखाना है और मुझे हर्ट भी नहीं करना है। मुझे आज भी याद है कि अरविंद जी ने मेरे से पूरी मीडिया के सामने माफी मांगी थी, वह भी सीता अपहरण सीन के लिए। वह बेहद धार्मिक इंसान थे। उन्हें सीन करने के बाद कुछ अच्छा महसूस नहीं हो रहा था। वह एक शिव भक्त थे। वह अच्छे इंसान थे और उनके अंदर इंसानियत भी भरी थी।