पावर कारपोरेशन को निर्देश तत्काल किया जाए सुधार, बिजली कंपनियों में मचा हडकंप क्योंकि आगे भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर की है योजना?
लखनऊ, 07 अक्टूबर 2023: उत्तर प्रदेश में सभी बिजली कंपनियों में लगे लगभग 12 लाख स्मार्ट मीटर जिसके रोल आउट प्लान के तहत उपभोक्ता संतुष्टि के मानक को चेक करने के लिए भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय के उच्चधिकारियों की एक टीम विगत माह सभी बिजली कंपनियों मे स्मार्ट मीटर के मामले में जांच किया था और कुछ उपभोक्ताओं से मुलाकात की थी जिस पर भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जो रिपोर्ट जारी की गई है और इसकी सूचना पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक को भेजी गई है
उपभोक्ता परिषद का कहना है कि रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि स्मार्ट मीटर जिस उद्देश्य के लिए लगाया गया था उसमें फेल साबित हुआ है क्योंकि वह पूरी तरह मैनुअली काम कर रहा है बिलिंग सॉफ्टवेयर को सही तरीके से चलाने के लिए एमडीएम का इंटीग्रेशन बाधित है जिसकी वजह से जनरेशन ऑफ बिल और बकाया पर कनेक्शन काटने और जोडने में भी समस्या आ रही है जिसका प्रभाव प्रदेश के उपभोक्ताओं पर बहुत ही खराब पड़ा है। इस मामले में स्मार्ट मीटर परियोजना में आ रही बडे पैमाने पर कर्मियों को अभिलंब ठीक करने का निर्देश जारी किया गया है।
भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय की रिपोर्ट बिजली कंपनियों को प्राप्त होते ही सबके हाथ पाव फूल गए क्योंकि वर्तमान में बिजली कंपनियों की योजना है कि प्रदेश के सभी विद्युत उपभोक्ताओं को स्मार्ट प्रीपेड मीटर में शिफ्ट करने की ऐसे में भविष्य में क्या होगा यह तो कहना मुश्किल है फिलहाल पूरी व्यवस्था चरमरा गयी है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय ने जो अपनी रिपोर्ट पावर कारपोरेशन को दी है उसमें स्पष्ट तौर पर लिखा है की नया बिलिंग सॉफ्टवेयर आने के बाद पिछले 6 माह से स्मार्ट मीटर पूरी तरीके से मैनुअली कम कर रहा है स्मार्ट मीटर में कम बैलेंस होने पर कोई भी उपभोक्ता को अलार्म नहीं दिया जाता, एसएमएस अलर्ट नहीं दिया जाता है ।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार उपभोक्ताओं के परिसर पर लगाए गए चेक मीटर और मैन मीटर का मिलान नहीं किया जाता स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर का उल्लंघन किया जाता है स्मार्ट मीटर की कल्पना जिस उद्देश्य के लिए की गई थी उस पर वह खडा नहीं उतरा है उसके मोबाइल ऐप नहीं काम कर रहे हैं बकाया पर कनेक्शन काटने और जुडने की समस्या आ रही है नेटवर्क की पूरी तरीके से समस्या आ रही है यानी कि उपभोक्ता परिषद की जो शिकायत पहले थी कि 2जी और 3जी में यदि कन्वर्जन ना किया गया तो वह सही तरीके से काम नहीं करेगा अब इस रिपोर्ट के आधार पर वह पूरी तरीके से सही साबित हुआ है ।
भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय ने इस बात पर भी आपत्ति उठाई है कि भारत सरकार की गाइडलाइन के तहत 6 माह तक स्मार्ट मीटर में अधिक भार होने पर पेनल्टी नहीं ली जाएगी इसके बाद भी पेनल्टी चार्ज की गई है उपभोक्ताओं के परिसर पर चेक मीटर लगाने का भी चार्ज लिया गया है पावर कॉरपोरेशन एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड व एलएनटी के विवाद में भी उपभोक्ता सेवा बाधित रही है यह अभी रिपोर्ट में लिखा गया है।
भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा स्मार्ट मीटर को बकाए पर स्वता कनेक्शन काट देना चाहिए लेकिन जुलाई 2023 और अगस्त 2023 के आंकडे यह बताते हैं की 22507 उपभोक्ता स्मार्ट मीटर वाले चिन्हित किए गए जिन पर बकाया था लेकिन उसमें से केवल 18499 कंज्यूमर डिस्कनेक्ट किए गए जबकि 4008 कंज्यूमर जो लगभग 17 प्रतिसत है डिस्कनेक्ट नहीं हो पाए भारत सरकार ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं का जब बैलेंस 70 प्रतिसत 80 प्रतिसत व 90 प्रतिसत बाकी रहता है तो उन्हें अलार्म अलर्ट मिलना चाहिए लेकिन पिछले 6 महीने से या सुविधा नहीं मिल पा रही है
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने की टीम ने यह भी कहा है कि बडे पैमाने पर स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की रीडिंग मैन्युअल की जा रही है जो निश्चित ही उचित नहीं है इससे स्मार्ट मीटर का उद्देश्य भटक रहा है।उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा सबसे पहले पावर कॉरपोरेशन और बिजली कंपनियों को एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड एलएनटी स्मार्ट मीटर निर्माता कंपनियां के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जाना चाहिए। क्योंकि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ता जन्माष्टमी में लाखो उपभोक्ताओं की बत्ती गुल जंपिंग मीटर तेज चलने की शिकायत एसटीएफ जांच भूले नहीं है जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।