सनातन संस्कृति में हमारे अस्तित्व का मूल है, इससे विमुख होना सही नहीं : श्री गुरु शरण शर्मा महाराज
पटना : राजधानी पटना के बापू सभागार में आयोजित त्रिदिवसीय त्रिकालदर्शी श्री पंडोखर सरकार का दिव्य दरबार आज सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। इस अवसर पर आज भी पंडोखर सरकार श्री गुरु शरण शर्मा महाराज ने लोगों का पर्चा निकालकर उनकी समस्याओं का समाधान किया। उक्त कार्यक्रम की सफलता से अभिभूत होकर पंडोखर सरकार श्री गुरु शरण शर्मा महाराज ने कहा कि बिहार की धरती पर आकर और यहां के लोगों से सम्मान पाकर अभिभूत हूं। बिहार के लोग अच्छे हैं इसलिए मैं यहां आया। यहां के बारे में बच्चा-बच्चा जानता है कि देश को सबसे ज्यादा आईएएस और आईपीएस बिहार ने दिए हैं। ऐसे मैं यहां आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
उन्होंने कहा कि मैं त्रिकालदर्शी नही हूं। त्रिकालदर्शी तो पण्डोखर सरकार है, जिनकी कृपा से लोग हमें त्रिकालदर्शी समझते है। उन्होंने कहा कि मै चाहता हूं कि एक प्रतियोगिता हो ताकि लोग जान सके की तथाकथित पर्चा लिखने और पण्डोखर सरकार में क्या अंतर है। मैं कोई भगवान नहीं, भागवत कृपा से जो प्रेरणा मिलती है उसी से मैं कुछ कह पता हूं। आज 140 पर्चियां लिखी जिसमे 84 पर्चियां मैं होटल में हीं बांट दिया। उन्होंने कहा कि मैं यहां किसी दल विशेष के लिए नहीं आया हूं। हालांकि इतना जरूर बता दूं कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने भी पण्डोखर सरकार धाम आकर आशीर्वाद प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि मेरा दिव्य दरबार मे आने के लिए कोई पैसा नही देना होता है। जो भक्त पंडोखर सरकार धाम आना चाहते हैं वह आ सकते हैं उनको पैसा नहीं देना पड़ेगा लेकिन समय जरूर देना पड़ेगा।
गौरतलब है कि त्रिदिवसीय त्रिकालदर्शी श्री पंडोखर सरकार का दिव्य दरबार का समापन धूमधाम से हो गया। इससे पहले दिव्या दरबार की शुरुआत बालाजी के भजनों से हुई। तत्पश्चात महाराज श्री ने बालाजी की पूजा अर्चना व आरती कर दरबार की शुरुआत की। इस मौके पर पंडित राज कुमार शुक्ल स्मृति संस्थान, पटना के केद्रीय अध्यक्ष व लोजपा रामविलास के मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट एवं उनकी पूरी टीम के द्वारा पण्डोखर धाम के गुरुशरण महाराज को गुलाब पुष्पमाला पुष्प गुच्छ, मिथिला का पाग, अंगवस्त्र एवं पंडित राज कुमार शुक्ल का प्रतीक चिन्ह भेट कर सम्मानित किया एवं आशीर्वाद प्राप्त किया।
वहीं, आज दरबार के अंतिम सत्र में पहली बार आई गोपालगंज की सुनीता देवी का पर्चा निकला। उनके घर पितृ दोष था, साथ हीं बिजनेस नही चल रहा था, महाराज में समस्या का समाधान बताया। दूसरा पर्चा पटना के शकुंतला देवी निकला, उनके बच्चो की शादी नही हो पा रही थी, महाराज जी ने उनके भी समस्या का समाधान बताया। तीसरा पर्चा पटना की श्वेता का निकला, जिनकी जमीनी समस्या थी। महाराज ने उपाय बताते हुए कहा कि आपकी समस्या दूर होगी और आपका मकान भी बनेगा। वहीं विजय कुमार सिन्हा की शादी नही हो रही थी। महाराज ने कहा कि होगी और शादी शुदा लड़की से होगी। और उसके उपाय भी बताए
इस दौरान उन्होंने कहा कि संत, ब्रह्म, गौ हीं हमारे लिए ही पूजनीय है। परमात्मा का स्मरण करो, अपने माता पिता को पूजिए। आपको अपना धर्म अपनाना है आपको अपना संस्कृति को अपनाना है। हवन पूजन अनुष्ठान में किसी भी जाति संप्रदाय का भेद नहीं है, भेद तो केवल पवित्रता का है। संतो की कृपा से, आपलोगो की आस्था से हीं मैं आज यहां बैठा हूं। 100 में 99 परसेंट काम होगा, अगर एक परसेंट नही होता तो मैं भगवान नही हूं। मैं राज बता सकता हूं, अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए शक्ति प्रदान कर भेज सकता हूं।