प्राथमिक उपचार के बाद भेजा घर, उत्तर प्रदेशीय शिक्षक संघ ने की स्कूलों का समय परिवर्तित करने की मांग
लखनऊ 25 जुलाई 2023 : प्रदेश में बारिश न होने से बढ़ी भीषण गर्मी और उमस से स्कूलों में बच्चों का बीमार होना लगातार जारी है बेसिक विद्यालय नीवां सरोजिनी नगर, लखनऊ में आज 2 बच्चे गर्मी और उमस से बीमार हो गए। इसी तरह बेसिक विद्यालय पहाड़पुर सरोजनी नगर लखनऊ में 3 बच्चों की तबीयत काफी बिगड़ गयी। इसके बाद दूसरी सूचना सूचना मिली कि प्राथमिक विद्यालय भेड़हन खेड़ा सरोजनी नगर लखनऊ में भीषण गर्मी के कारण 1 बच्ची की तबियत खराब हो गयी। जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया।
इस सम्बन्ध में बेसिक विद्यालय पहाड़पुर सरोजनी नगर लखनऊ के प्रधानाध्यापक राजकुमार राम ने बताया कि सुबह प्रेयर के समय दो बच्चे गश खाकर गिर गए जिन्हें उठाकर शीघ्र ही कमरे में लाया गया जहाँ उन्हें पानी की छींटे मार कर उन्हें होश में लाया गया और उन्हें प्राथमिक उपचार देने के बाद घर भेज दिया गया।
उन्होंने बताया कि बच्चों को डिहाईड्रेशन की समस्या हो गयी थी। उन्होंने बताया कि बच्चों के माता- पिता उन्हें घर से बगैर खाये पिए ही भेज कर शहर काम की तलाश में चले जाते हैं इधर बच्चे जैसे तैसे बगैर खाये पिए ही यहाँ पढ़ने चले आते है जिसकी वजह से उन्हें डिहाईड्रेशन हुआ। फिलहाल बच्चों को प्राथमिक स्वास्थ्य लाभ देकर उनके माता -पिता के साथ घर भेज गया है जहाँ वह अब स्वस्थ हैं।
इस सम्बद्ध में प्राथमिक शिक्षक संघ के सदस्य सुधांशु मोहन ने बताया कि यदि कोई बच्चा जब तकलीफ में होता है तो सबसे अधिक पीड़ा विद्यालय के शिक्षकों को होती है उनकी यह समझ में नहीं आता है ऐसी परिस्थिति में क्या करें। उन्होंने बताया कि स्कूलों का समय बदलने के लिए एक प्रार्थना पर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री को पहले ही लिखा जा चुका है जिसके निर्णय का बेसब्री से इन्तजार है। उन्होंने कहा कि एक बार फिर दोबारा भीषण गर्मी और उमस को देखते हुए प्रशासन से मांग है कि विद्यालय के समय में परिवर्तन किया जाये।
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उन्होंने बताया कि इन विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा अवगत कराया गया है कि जिन बच्चों की तबीयत खराब है विद्यालय में फर्स्ट एड बॉक्स रहता है उसमें फीवर की उल्टी दस्त की आदि दवाएं होती है उन से काम अगर चल जाता है तो चलाया जाता है नहीं तो स्थानीय स्तर पर जो भी डॉक्टर उपलब्ध होते है उसको दिखा कर अभिभावकों को बुला लिया जाता है और बच्चों को उनकी देखभाल के लिए दिया जाता है। उन्होंने बताया कि बच्चे प्रार्थना करते समय जमीन पर गिर रहे हैं यह उमस और गर्मी का प्रभाव है। बिजली की अव्यवस्था होने के कारण कमरों के अंदर बच्चों को बैठा पाना मुश्किल होता है इतनी छाया नहीं है कि बच्चों को पेड़ के नीचे बैठाया जा सके।
इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेशीय शिक्षक संघ ने आज एक प्रार्थना पत्र जिला प्रशासन को भेजा है जिसमें स्कूलों का समय सुबह 7:30 बजे से दिन के 12:30 बजे तक रखने की मांग की गयी है ।