सहयोगी दलों को अधिकतम पचास सीटें देने का समाजवादी पार्टी ने किया है फैसला
छोटे-छोटे दलों को साथ लाने की जुगत में समाजवादी पार्टी जी-जान से लग गयी है। इस अभियान में जयंत चौधरी के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बुधवार को रालोद के जयंत और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह के बाद अपना दल (कृष्णा गुट) की नेता कृष्णा पटेल ने भी अखिलेश से मुलाकात की। सपा ने सभी सहयोगी दलों को अधिकतम 50 सीट देने का फैसला किया है। इनमें सहयोगी दलों के कुछ उम्मीदवार ऐसे भी होंगे जो सपा के चुनाव चिह्न चुनाव लड़ेंगे। कृष्णा पटेल प्रतापगढ़ सदर सीट से खुद चुनाव लड़ना चाहती हैं।
सपा के गठबंधन के रोडमेप के दायरे में सुभासपा और रालोद बाद अब आम आदमी पार्टी (आप) एवं अपना दल (कृष्णा गुट) भी आ गए हैं। अपना दल कृष्णा गुट की अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने कहा कि सीटों के बंटवारे के साथ ही गठबंधन पर सहमति बन चुकी है। जल्द ही इस संबंध में प्रेसवार्ता में इसका औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा। लगातार तीन चुनाव में हार का सामना कर चुके अखिलेश यादव इस बार कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते है। यही वजह है कि इस बार वे पूर्वांचल से लेकर पश्चिम यूपी तक जातीय समीकरण साधने में जुटे हैं।
अखिलेश यादव गैर यादव पिछड़ा वोट बैंक साधने के लिए छोटे-छोटे दलों से गठबंधन कर रहे हैं। अपना दल और अपना दाल कृष्णा गुट का प्रयागराज से लेकर सोनभद्र तक असर है। कुर्मी वोट बैंक में सेंधमारी के लिए यह गठबंधन कारगार हो सकता है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी के बीच मंगलवार को हुई कई दौर की बैठक में रालोद को 36 सीट देने पर सहमति बन गयी है। इनमें से 8 सीटों पर रालोद के उम्मीदवार सपा के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ेंगे। 28 सीटों पर रालोद के चुनाव चिह्न पर पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी। रालोद ने गठबंधन के तहत सपा से 50 सीटों की मांग की। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की चरथावाल सीट सहित तीन सीटों पर उम्मीदवार को लेकर पेंच फंसा है।
लोहिया ट्रस्ट में सपा के कैंप कार्यालय में अखिलेश के साथ मुलाकात के बाद संजय सिंह ने बताया कि बैठक में सार्थक चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश को भाजपा के कुशासन से मुक्त करने के लिये एक कॉमन एजेंडे पर काम कर रहे हैं। सीटों के बंटवारे के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी बातचीत शुरू हुई है, आगे अभी बातचीत जारी रहेगी।
इस बीच सपा सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में सत्तारूढ़ आप ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की शहरी सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। संजय सिंह ने लगभग दो दर्जन सीटों की सूची सौंपी है जिन पर आप ने मजबूती से चुनाव लड़ने का दावा किया है।