गौतम चक्रवर्ती
हमारे आपके घरों के वृद्ध जनो को हमारे समाज में किसी भी परिवार के लिए उसकी नींव की ईंट कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने ही अपने अपने परिवारों की नींव अपने -अपने ढंग से रखी होती है भले ही वह आगे चल कर चाहे किसी भी रूप में समाज में अपना स्थान निर्धारित करें।
दरअसल जब हम अपने घर के बुजुर्गों की बात करते हैं तो वे हमेशा अपने परिवार के छोटो को अपने जिंदगी के कड़वे – मीठे अनुभवों से अवगत करा कर उन्हे सही मार्ग अच्छे- बुरे चीजों में अंतर करने का तजुर्बे देते रहते हैं। हां यह बात बिल्कुल अलग है कि उनकी राय समयानुसार परिवार के लिए कोई अर्थ रखता हो चाहे न हो लेकिन कुछ तो अवश्य है की उनकी घर में मौजूदगी हमे हमेशा एक आच्छादित आड़ जैसा आभास कराता रहता है।
परिवार के बड़े बुजुर्गों का स्नेह और प्यार परिवार वालों के लिए अनमोल है। प्रतिवर्ष 21 अगस्त के दिन सम्पूर्ण विश्व में विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस के रूप में मनाया जाता है। जहां तक इस दिवस को मानने की शुरुआत की बात करें तो इस दिवस को वर्ष 1988 अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने सबसे पहले “वर्ल्ड सीनियर सिटिजंस डे” के रूप में मानने का प्रस्ताव रखा था फिर उन्होंने औपचारिक रूप से विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस की स्थापना 19 अगस्त, वर्ष1988 को एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करके किया था लेकिन बाद में संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसकी तारीख को बदलकर 21 अगस्त कर दिया और तभी से सम्पूर्ण दुनिया में 21 अगस्त के दिन वर्ल्ड सीनियर सिटिजंस डे के रूप में मनाया जाने लगा और इस दिन को मानते हुए 32 वर्षों का समय गुजर चुका है और आज 21 अगस्त 2022 के दिन हम 33वां वर्ल्ड सीनियर सिटिजंस डे मना रहे हैं।
जहां तक इस दिन को मानने के उद्वेश्य की बात करते हैं तो इस दिन, वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित प्रत्येक समस्यों पर चर्चा करते हुए उनके अनुभव लोगों में साझा किया जाता हैं और उसका समाधान भी निकालने की कोशिश की जाती है।
यह अवसर विषेतः हमारे देश के युवाओं को उनकी सेवाओं, उपलब्धियों और अपने परिवार एवम देश के प्रति उनके समर्पण के लिए उनकी सराहना करने का अवसर हमे देता है।