जी के चक्रवर्ती
पड़ोसी देश पाकिस्तान के नए वजीर-ए-आजम शाहबाज बन गये हैं। आज तक यहां यह देखने में आया है कि पाकिस्तान में जैसे ही कोई नया प्रधानमंत्री बनता है तो उनके द्वारा देश की जनता को दिये जाने वाली सम्बोधन भाषण में सर्वप्रथम काश्मीर का राग अवश्य अलापा जाता है। वहीं यदि हम इमरान सरकार के गिरने की बात करें तो विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाकर यह दिखा दिया है कि बहुमत का संख्याबल सरकार के विरोध में है तो वहीं इमरान ने डिप्टी स्पीकर से यह अविश्वास प्रस्ताव ही रद्द करवा दिया और राष्ट्रपति के पास जाकर संसद भंग भी करवा ली लेकिन पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने मतदान के पहले ही अविश्वास प्रस्ताव को रद्द कर देने और संसद भंग करने को अवैध ठहरा कर इमरान को इसका जिम्मेदार ठहरा दिए जाने के बाद पाकिस्तान के नये प्रधान मंत्री शाहबाज बन गये।
शाहबाज के प्रधानमंत्री बनते ही अपने संबोधन में कश्मीर का जिक्र कर पाकिस्तान की पुरानी परिपाटी को एक बार पुनः दोहराते हुये देखा गया। वैसे उन्हें पाकिस्तान के आक्रामक तेवरों वाले एक नेता के रूप में जाना पहचाना जात है। इससे पूर्व शाहबाज तीन बार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं इसलिये उन्हें सियासत का अच्छा अनुभव होने के साथ ही सियासी दांवपेच में भी सिद्धहस्त हैं। पाकिस्तान प्रधानमंत्री के रूप में इमरान खान का सफर समाप्त हो गया है लेकिन इमरान खान पाकिस्तान के इतिहास के एक ऐसे प्रधानमंत्री बन गये हैं जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से वेदखल किया गया है।
9 अप्रैल वर्ष 2022 शनिवार के दिन हुए पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव में वोटिंग हुई थी, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था इसी के साथ इमरान खान की की विदाई होते ही विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ जो पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के सांसद वे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन गये है।
वे पाकितान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं। वहीं पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) पार्टी की उपाध्यक्ष मरियम नवाज द्वारा शाहबाज शरीफ को पहले ही प्रधानमंत्री पद के एक उपयुक्त उम्मीदवार घोषित कर चुकी थीं।
पाकिस्तान में वर्ष 2018 के दौरान हुए आम चुनाव में शाहबाज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद के लिए एक उम्मीदवार के रूप में खड़े हुये थे, लेकिन वहां इमरान खान की PTI पार्टी को जीत मिलने से इमरान खान ने पाकिस्तान का साशन सत्ता संभाल और वहीं शाहबाज शरीफ एक विपक्षी उम्मीदवार के रूप में कार्य करते रहे।
पाकिस्तान में भ्रष्टाचार के विरुद्ध काम करने वाले यहां के नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने 3 दिसम्बर वर्ष 2019 को शाहबाज के विषय में कई खुलासे कर सबको चौंका दिया था। इस ब्यूरो के अनुसार, पिछले 30 वर्षो के दौरान शाहबाज एवं इनके परिवार की परिसंपत्ति का मूल्य रुपये 20 लाख से बढ़ कर 700 करोड़ रुपये हो गई। वहीं जब उनसे इस सम्पत्ति के हिसाब किताब मंगा गया तो वे बता पाने में अक्षम रहे जिसके कारण शाहबाज पर करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला दर्ज कर मुकद्दमा चलाया गया था जिसमें उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।
दरअसल पिछले कुछ दिनों से शाहबाज द्वारा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान के विरुद्ध इस तरह की शतरंज के चाल की गोटियां बिछाना शुरू कर दिया गया था, इस बात की जानकारी वर्ष 2022 के जनवरी माह में कई मीडिया रिपोर्ट्स में भी ऐसा दावा किया गया था कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के नेता शाहबाज ने इमरान को सत्ता से हटाने के लिए सेना के साथ एक समझौता किया है। जिसमे लंदन में रह रहे उनके भाई पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की स्वदेश पुनः वापसी करने को लेकर भी एक सौदा हुआ था। इस बात के बाद से इमरान खान के विरुद्ध उल्टी सियासी बयार चलने लगी। इसके साथ ही पाकिस्तान के एसे सभी राजनीतिक नेता आपस मे एकजुट होने लगे थे, जो कभी भी एक-दूसरे को फूटी आंख नहीं भाते थे।
वैसे इसे पाकिस्तान का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि यहां के इतिहास में युसुफ रजा गिलानी एकमात्र सबसे लम्बे समय तक प्रधानमंत्री पद पर रहने वाले पहले व्यक्ति हुये तो वहीं पाकिस्तान के सबसे पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान थे।