भोजपुरी को आगे बढ़ाने व किसानों की समस्या को उठाने वाले त्यागी को पहले भी मिल चुका है कई सम्मान
लखनऊ, 29 दिसम्बर । किसानों की समस्या व उनकी स्थिति को अपनी पुस्तक “ए सरकार, किसान हईं हम” के रचयिता जालौन में हिंदी के प्रवक्ता संजीव कुमार त्यागी को किसान विकास फाउंडेशन की ओर से सम्मानित किया गया। संजीव इससे पहले भी कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं।
किसान विकास फांउडेशन के संस्थापक व अध्यक्ष नीरज राय ने स्मृति चिंह्न और अंगवस्त्रम से सम्मानित करते हुए कहा कि भोजपुरी के विकास का मामला हो या किसानों के हित का मुद्दा संजीव ने हमेशा जोर-शोर से उठाया है। इन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से किसानों की व्यथा का बखूबी वर्णन किया है। हकीकत में इनकी लेखनी में किसानों का दर्द झलकता है। फाउंडेशन आज इनको सम्मानित कर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
संजीव किसानों की समस्या व उनकी बदहाल हालत को बहुत ही सरल शब्दों के साथ वस्त्विकता से रूबरू कराने का काम कर रही पुस्तक “ए सरकार किसान हईं हम” के रचयिता, भोजपुरी के क्षेत्र में कम समय में ही खुद को स्थापित कर चुके हैं। सरकार व सामाजिक संस्थाओं की तरफ से कई सम्मान पा चुके संजीव को वर्ष 2021 में प्रकाशित पुस्तकों में हिंदुस्तानी एकेडमी, प्रयागराज से “भिखारी ठाकुर सम्मान” तथा हिंदी संस्थान लखनऊ से “भिखारी ठाकुर सर्जना” पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इनके भोजपुरी भाषा के लिए किए जा रहे प्रयास को देखते हुए और “ए सरकार किसान हईं हम” पुस्तक किसानों के लिए लिखने और किसानों का दर्द बयां करने के लिए आज किसान हितों के लिए समर्पित “किसान विकास फाउंडेशन” की तरफ से अध्यक्ष किसान पुत्र नीरज के द्वारा अंगवस्त्रम और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में दौरान मुख्य रूप से रजनीश राय (निवर्तमान राष्ट्रीय प्रवक्ता-किसान संघ), सर्वेश सिंह सेंगर, अनूप राय, आशीष चौधरी, धर्मेंद्र कुमार व विमल कुमार उपस्थित रहे।