जी के चक्रवर्ती
उत्तर प्रदेश चुनाव के नतीजे आये आज एक सप्ताह से ऊपर हो गए हैं। वैसे तो अखिलेश यादव ने यह चुनाव उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री पद को हासिल करने के लिए लड़ा लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता ने उन्हें फिर से एक बार विपक्ष की कुर्सी को संभालने का आदेश सुनाया है। इस बार के चुनाव ने अखिलेश यादव के समाजवादी पार्टी को यह संदेश देने में कामयाब रही है कि जनता अराजक तत्व जैसे लोगों को चुनाव प्रत्याशी के रूप में अब अधिक दिनों तक देखना नही चाहती है लेकिन कहीं-कहीं पर यह उनकी मजबूरी भी है।
जहां तक इस बार उत्तर प्रदेश चुनाव में हासिल किये गये वोटों की बात करें तो यह बात अलग है कि समाजवादी पार्टी के वोट कई जगहों पर बढ़े जरूर हैं लेकिन यह इतनी भी बड़ी बढ़त नही थी कि अखिलेश को सत्ता की कुर्सी तक पहुंचाने में सफल हो पाती। वहीं अब तो चुनाव समाप्त हो चुके हैं तो चुनावी रणनीति अखिलेश के हार के कारणों को ढूंढने में लग गये है कि आखिरकार हमसे चूक कहाँ पर हुई है?
ऐसी बातों पर यह प्रश्न उठता है कि वर्ष 2022 का यह चुनाव समाजवादी पार्टी के लोगों और स्वयं पार्टी अध्यक्ष अखिलेश को क्या संदेश देकर गया है। वैसे देखा जाय तो अखिलेश के चुनाव रैलियों में लोगों की भीड़ प्रचंड मात्रा में जुटी थी और उनके साथ छोटे-मोटे दलों का भी योगदान रहने के बावजूद उनकी इस तरह की सभी कवायातें उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने में कामयाब न हो सकी।
इस चुनाव में उनकी सबसे बड़ी शक्ति के रूप में यादव एवं मुस्लिम समाज के वोटरों का रहा यदि हम सपा के चुनाव नतीजों को देखें तो हमे यह कह सकते है कि सपा पार्टी को मुस्लिमों और यादवों का वोट अच्छी संख्या में मिला जिसके परिणाम स्वरूप हम देखें तो यादव बाहुल्य करहल जैसे क्षेत्र से स्वयं अखिलेश को बहुत अच्छी संख्या के वोटों अंतरों से चुनाव जीते तो वहीं इटावा की बात करें तो यहां पर बीजेपी मात्र एक ही सीट से जितने में कामयाब रही, कहने का अर्थ यह है कि यादव वोटों की गोलबंदी हुई. मुसलमानों ने एकमुश्त वोट अखिलेश को दिया है।
वैसे वर्ष 2022 के इस चुनाव में यह बात देखने को मिली है कि अब जनता वह पहले वाली जनता नही रही उसने वोट देने से पहले तक किसी को यह भांपने नही दिया कि वह किसके साथ खड़ी है। वैसे देखा जाय तो आज की जनता पहले की अपेक्षा बहुत जगरुख हो चुकी है। शायद यह कहना गलत नही होगा कि धीरे-धीरे जनता चुनाव दर चुनाव अपने मतों का मूल्य समझने लगी है।