घर बनवाते समय वास्तु से जुड़ी कई बातों को ध्यान में रखना होता है। अगर वास्तु से जुड़े इन टिप्स को ध्यान में रखा जाए तो घर में रहने वाले लोगों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। ऐसे में अगर आप अपना घर बनवाने की सोच रहे हैं तो एक बार वास्तु सारणी पर नजर अवश्य डाल लें। इस सारणी में कौनसा कमरा किस दिशा में होना चाहिए इसके बारे में बताया गया है। हम आपको इस सारणी के बारे में यहां बता रहे हैं।
पूजा कक्ष – ईशान कोण
स्नान घर- पूर्व
रसोई घर-आग्नेय
मुखिया का शयन कक्ष- दक्षिण
युवा दम्पति का शयन कक्ष वायव्य कोण एवं उत्तर के बीच
बच्चों का कक्ष वायव्य एवं पश्चिम
अतिरिक्त कक्ष- वायव्य
भोजन कक्ष-पश्चिम
अध्ययन कक्ष- पश्चिम एवं नैत्रत्य कोण के बीच।
कोषागार- उत्तर
स्टोर- नैत्रत्य कोण
जल कूप या बोरिंग-उत्तर दिशा या ईशान कोण
सीढ़ी घर – नैत्रत्य कोण
जल कूप या बोरिंग – उत्तर दिशा या ईशान कोण
सीढ़ी घर- नैत्रत्य कोण
शौचालय- पश्चिम या उत्तर पश्चिम (वायव्य)
अविवाहित कन्याओं के लिये शयन कक्ष-वायव्य।