जी के चक्रवर्ती
हमारे देश भारत की मुख्य विशेषता यह है कि यहाँ विभिन्नता में एकता का समावेश हुआ है। एकता का स्वरूप न केवल भौगोलिक है, बल्कि भाषायी एवम सांस्कृतिक भी है। देश में 1652 मातृ भाषायें बोली जाती हैं, लेकिन भारतीय संविधान में 22 भाषाओं को ही राजभाषा का दर्जा प्राप्त है।
आज 14 सितम्बर 2022 का दिन सम्पूर्ण देश में हिंदी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। आपको बता दें कि हिंदी दिवस मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि पूरे वर्ष भर में एक दिन हम इस बात से देश के लोगों के अंतस में अपनी भाषा के प्रति आदर सम्मान का आभास एवम जागरूकता पैदा कर जब तक हम हिन्दी भाषा का उपयोग पूरी तरह से नहीं करेंगे तब तक हिन्दी भाषा का वास्तविक विकास हो पाना संभव नहीं है। इस दिन को विशेषकर सभी सरकारी कार्यालयों में अंग्रेजी के स्थान पर हिन्दी का उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिये जाने की प्रथा हमारे देश में आज तक कायम है।
इसके अतिरिक्त जो भी व्यक्ति पूरे वर्ष भर हिन्दी के विकास करने के कार्यों को प्रोत्साहित कर अपने कार्य में हिन्दी का प्रयोग अच्छी तरह से करता है, तो उसे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जाता है।
हम मानवों के विकास के मूल में भाषा की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। किसी भी देश की भाषा जितनी स्पष्ट, अर्थपूर्ण और बृहद होगी उस देश की भाषा उतना ही उत्कृष्ट एवम समृद्ध कहलाती है।
यद्यपि भारत एक बहुभाषायी देश है लेकिन एक लम्बे समय से हिन्दी या उसका कोई स्वरूप देश के एक बहुत बड़े भाग पर सम्पर्क भाषा के रूप में प्रयुक्त होता रहा है। भक्तिकाल में उत्तर से दक्षिण तक, पूरब से पश्चिम तक अनेक सन्तों ने हिन्दी भाषा में अपनी साहित्य की रचनाएँ भी कीं हैं। स्वतंत्रता आन्दोलन में भी हिन्दी पत्रकारिता ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राजा राममोहन राय, स्वामी दयानन्द सरस्वती, महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस, सुब्रह्मण्य भारती आदि अनेकानेक लोगों ने हिन्दी को देश की राष्ट्रभाषा के रूप में अपनाने का सपना देखा था।
वैसे यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि संविधान सभा में एक लम्बी चर्चा के पश्चात 14 सितम्बर वर्ष 1949 के दिन हिन्दी भाषा को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया था। इसके बाद संविधान में अनुच्छेद 343 से 351 तक राजभाषा के सम्बन्ध में व्यवस्था की गयी। इस स्मृति को हमेशा हम भारतीयों के मध्य जीवित रखने के लिये प्रतिवर्ष14 सितम्बर का दिन हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।