युद्ध –1
युद्ध क्या है
लड़ना है.. लड़ना है..
लड़ना है.
.. और अंत में
मौत के सीने में
खंजर भोंककर
सो जाना है
युद्ध -2
———
युद्ध में
विजेता विजय-पताका फहराता है
आत्म-समर्पण कर देता है विजित
जो भी हो लेकिन
दोनों पक्षों का आम आदमी
न जीतता है, न हारता है
बल्कि मरता है
इतिहास में कहीं दर्ज नहीं होती
उसकी मौत
युद्ध – 3
———
युद्ध में
कोई जीते, कोई हारे
लेकिन हो जाते हैं दोनों बर्बाद
एक तीसरा पक्ष भी है
जो लड़ता नहीं है बल्कि
लड़ने को उकसाता है
वास्तव में
वही विजेता होता है
(काश! समझ पाये कोई)
- आनंद अभिषेक