लखनऊ, 29 फरवरी: विद्यांत हिंदू पीजी कॉलेज के वाणिज्य विभाग ने आज पीएचडी विद्वानों और शिक्षकों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से ‘शोध पत्र और प्रबंध लेखन’ नामक एक कार्यशाला/व्याख्यान का आयोजन किया। कॉलेज प्राचार्य प्रो. धर्म कौर के मार्गदर्शन में और प्रो. राजीव शुक्ला द्वारा प्रदान किए गए अमूल्य निर्देशन के साथ, कार्यशाला सभी प्रतिभागियों के लिए एक समृद्ध अनुभव साबित हुई। कार्यशाला के संयोजक अर्थशास्त्र विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. दिनेश मौर्य थे।
कार्यशाला/व्याख्यान में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर बृजेंद्र पांडे संसाधन व्यक्ति के रूप में उपस्थित थे, जिन्होंने शोध पत्र और शोध प्रबंध लेखन के महत्वपूर्ण तकनीकी पहलुओं और जटिलताओं पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर पांडे ने विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर किया, जिसमें एक शोध विषय का चयन करने से लेकर एक सारांश तैयार करना, एक शोध पत्र की संरचना करना, अध्याय संगठन, ग्रंथ सूची निर्माण, संदर्भ तकनीक और साहित्यिक चोरी से बचने का महत्व आदि शामिल हैं।
सत्र की शुरुआत डॉ. राजीव शुक्ला के परिचय के साथ हुई, जिसने विद्वतापूर्ण लेखन प्रथाओं की व्यावहारिक खोज के लिए माहौल तैयार किया। पूरी कार्यशाला के दौरान, डॉ. ध्रुव त्रिपाठी ने आकर्षक चर्चाओं और इंटरैक्टिव सत्रों की सुविधा प्रदान की, जिससे उपस्थित लोगों के सीखने के अनुभव में वृद्धि हुई।
कार्यशाला/ व्याख्यान में कॉलेज के शिक्षक, अनुसंधान विद्वान, साथ ही एमए और बीए के छात्र शामिल थे, जो अकादमिक लेखन और अनुसंधान पद्धति में अपने कौशल को निखारने के इच्छुक थे। यह आयोजन प्रतिभागियों को उनकी शैक्षणिक गतिविधियों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक उपकरणों और तकनीकों से लैस करने के लिए एक मूल्यवान मंच साबित हुआ।