राहुल कुमार गुप्ता
धार्मिक ग्रंथों में उल्लेखित कामरूप नगरी आज असम के नाम से जानी जाती है। यहां शिव भक्त बाणासुर का साम्राज्य था। प्रचलित मान्यता अनुसार श्रीकृष्ण ने असम में बाणासुर और भगवान शिव से युद्ध के समय ‘माहेश्वर ज्वर’ के विरुद्ध ‘वैष्णव ज्वर’ का प्रयोग कर विश्व का प्रथम ‘जीवाणु युद्ध’ लड़ा था। हालांकि यह शोध का विषय हो सकता है।
यह विस्मयकारी युद्ध विशाल ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे भगवान शिव और भगवान श्रीकृष्ण के बीच तेजपुर,असम में हुआ।
यह युद्ध सृष्टि के दो सर्वेसर्वाओं के बीच परस्पर अपने ईष्टों के प्रति हुआ। इस विस्मयकारी और प्रलयकारी युद्ध में परिणाम मानो अनंत में खो गया। न किसी की जीत न किसी की हार!
यह ब्रह्मांड की सर्वाधिक दुर्लभतम घटना थी। वजह अपने भक्तों व प्रेम की लाज रखने के लिए भगवान शिव और भगवान श्रीहरि दोनों अपने-अपने ईष्टों के आमने-सामने थे। ज्ञान, तप, वैभव आदि से भी सर्वाधिक महत्वपूर्ण है प्रेमभाव (भक्तिभाव, सेवाभाव) !! इस प्रेमभाव के कारण ही ईश्वर नियति को भी बदलने में विवश हो जाते हैं।
अंततः इस युद्ध में प्रेम की विजय हुई और बाणासुर की पुत्री उषा का प्रेम विवाह श्रीकृष्ण के प्रपौत्र अनिरुद्ध के साथ हो गया।