डॉ दिलीप अग्निहोत्री
सितंबर के मन की बात कार्यक्रम में मोदी ने 1 अक्टूबर को सुबह दस बजे से एक घंटे के लिए लोगों से स्वच्छता के लिए श्रमदान की अपील की थी। महात्मा गांधी की 154वीं जयंती से पहले आज देशभर में स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत श्रमदान किया जा रहा है। इसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेसलर अंकित बैयनपुरिया के साथ श्रमदान किया।
सीतापुर के नैमिषारण्य में योगी ने झाड़ू लगाकर स्वच्छता अभियान की शुरुआत की। इससे पहले उन्होंने नैमिष धाम पर मत्था टेका और आरती की। इसके साथ ही उन्होंने ने पांच सौ करोड़ रुपए से अधिक की विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने चौपाइ सुनाई –
“तीरथ वर नैमिष विख्याता,
अति पुनीत साधक सिधि दाता”
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नैमिष के विकास के लिए कटिबद्ध है. नैमिष का भव्य विकास किया जा रहा है. पहले देश में डेंगू, काला जार, मेलिरया, इंसेफलाइटिस व अन्य मच्छर जनित बीमारियां होती थीं, लेकिन अब प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान के चलते ऐसी बीमारियों का लगभग खात्मा हो चुका है।
उन्होंने चक्रतीर्थ और मां ललिता देवी मंदिर में पूजन-अर्चन किया। इसके बाद उन्होंने मंदिर परिसर में ही झाड़ू लगाकर स्वच्छता अभियान की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान अब जनांदोलन बन चुका है। उन्होंने कहा कि मेरा यह सौभाग्य है कि जिस तीर्थ की महिमा का रामचरित मानस जैसे पौराणिक ग्रन्थ में उल्लेख किया गया है। वहां, प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छता ही सेवा के माध्यम से स्वच्छांजलि देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। यह महर्षि दधीचि के त्याग व बलिदान की धरती है।
भारत सरकार ने वर्ष 2019 में जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी, जिसका लक्ष्य वर्ष 2024 तक हर ग्रामीण घर में नल से जल पहुंचाना है। जल जीवन मिशन के प्रारम्भ के समय, देश में जहां करीब सवा तीन करोड़ ग्रामीण घरों में नल से जल की आपूर्ति होती थी, वहीं अब करीब बारह करोड़ घरों में नल से जल की आपूर्ति हो रही है। इस मिशन से गांव के लोगों को स्वच्छ पानी पीने के लिए मिल रहा है, जिससे जल-जनित बीमारियों में उल्लेखनीय कमी आई है। नल से घर-घर जल की आपूर्ति ने पानी की बर्बादी को तो रोका ही है, साथ ही उसके दूषित होने की सम्भावना को भी कम किया है। वर्ष 2015 में शुरू की गई ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ इस क्षेत्र में एक बड़ी पहल है।
देश में सिंचित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए यह राष्ट्रव्यापी योजना लागू की जा रही है। जल संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप यह योजना ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ सुनिश्चित करने के लिए सटीक-सिंचाई और जल संरक्षण तकनीक को अपनाने की भी परिकल्पना करती है। सरकार ने जल संरक्षण और जल संसाधन प्रबन्धन को बढ़ावा देने के लिए ‘जल शक्ति अभियान’ शुरू किया है, जिसके अन्तर्गत पारम्परिक और अन्य जल निकायों का नवीनीकरण, बोरवेल का रीयूज और रीचार्ज, वॉटरशेड विकास और गहन वनरोपण द्वारा जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन को बढ़ावा दिया जा रहा है।