ज़ी सिनेमा दिखाएगा विक्रांत मेस्सी और कृति खरबंदा स्टारर 14 फेरे, 20 नवंबर को दोपहर 3 बजे
कहते हैं शादियों का मौका ऐसा होता है, जहां हर कहानी जिंदगी भर की एक याद बन जाती है। शादियों से जुड़ी कहानियां अक्सर मस्ती, हंसी-मजाक, नोकझोंक और परिवार के साथ बिताए अनमोल पलों से सराबोर होती हैं। कुछ ऐसी ही है संजू और अदिति की शादी, जिसमें बेहिसाब हंसी, मस्ती और मनोरंजन की है।
इस फिल्म के बारे में बात करते हुए विक्रांत मेस्सी ने कहा, “आपको ऐसी फिल्म बहुत कम ही देखने को मिलती है, जिसमें सारे मसाले मौजूद हों। यह एक संपूर्ण फैमिली एंटरटेनर है, जो सदियों से चली आ रही एक सामाजिक समस्या को एक आधुनिक ट्विस्ट देती है। मैं बीच का रास्ता अपनाने में यकीन रखता हूं, लेकिन यदि मैं अपने पार्टनर से इतना प्यार करता हूं, जितना कि मेरा किरदार संजय, अदिति को चाहता है, तो मैं रियल लाइफ में भी बिल्कुल वैसा ही करूंगा, जैसा कि संजय ने किया। मैं जो ऑफ-स्क्रीन नहीं कर सकता या जो ऑफ-स्क्रीन नहीं हो सकता, उसे मैं कैमरे के सामने करने की कोशिश करता हूं। मुझे उम्मीद है कि मुझे इस तरह की और चीजें करने के अवसर मिलते रहेंगे।”
कृति खरबंदा ने कहा, “14 फेरे ने मुझे अदिति जैसा एक दमदार किरदार निभाने का मौका दिया, जो एक आत्मनिर्भर, प्रैक्टिकल, यंग लड़की है, जो हर ढर्रे को तोड़ती है। उसके लिए दिमाग भी उतना ही जरूरी है, जितना कि दिल, और मुझे इस किरदार की यही बात रोमांचित करती है। शादियां हमेशा मस्ती का मौका होती हैं, लेकिन अदिति और संजू के 14 फेरे किसी भी असली शादी में होने वाले मस्ती और पागलपन से दोगुने हैं। इस फिल्म में ऐसी स्थितियां हैं, जो अपनी-सी लगती हैं, लेकिन इनके साथ एक ट्विस्ट भी है।
अपने रोल को लेकर गौहर खान कहती हैं, “मुझे लगता है कि यह किसी भी एक्टर के लिए एक चैलेंज होगा जब उसे एक ऐसे इंसान का रोल निभाना पड़े, जो वो असल जिंदगी में नहीं है। 14 फेरे कॉमेडी में मेरा पहला प्रयास है और उसमें भी मुझे दिल्ली की मैरिल स्ट्रीप का रोल निभाने का मौका मिला, जो कि अपने आप में एक सपना है! मैं यकीन से कह सकती हूं कि मैं इस जॉनर में और भी चीजें करना चाहूंगी। मैं तीन अलग-अलग किरदार निभा रही थी, और इसमें प्रोस्थेटिक्स, एक किरदार से दूसरे किरदार में आने की जद्दोजहद और अपनी खुद की शादी के बाद तुरंत शूटिंग शुरू करने के चलते यह बड़ा संघर्ष भरा रहा। यह फिल्म बहुत अच्छा संदेश देती है और मुझे लगता है कि यही खूबी इसे आज के दौर की सबसे प्रासंगिक फिल्मों में से एक बनाती है।”