- नरेंद्र मोदी बोले: अटल जी का जाना एक युग का अंत है
- 93 साल की उम्र में हुआ निधन, लंबे समय से थे बीमार, देशभर में शोक की लहर
- सरकारी छुट्टी, सात दिन के राष्ट्रीय शोक का एलान
नई दिल्ली, 16 अगस्त 2018: स्वतंत्रा दिवस के ठीक एक दिन बाद भारत के इतिहास में एक सबसे बड़ी घटना घटित हुयी। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न से सम्मानित अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। उनका कल अंतिम संस्कार दिल्ली में बीजेपी कार्यालय में सुबह 10 बजे किया जायेगा।
बता दे कि आज गुरुवार को शाम 5.35 बजे दिल्ली एम्स द्वारा मेडिकल बुलेटिन जारी कर बताया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुरुवार की शाम 5.05 बजे आखिरी सांस ली। वाजपेयी के निधन की सूचना मिलते ही देशभर में शोक की लहर दौड़ पड़ी।
मैं निःशब्द हूं: नरेंद्र मोदी
उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ”मैं निःशब्द हूं, शून्य में हूं। मगर भावनाओं का इस वक्त अंबार उमड़ रहा है। हम सबके श्रद्धेय अटल जी नहीं रहे। अटल जी का जाना एक युग का अंत है।” वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी वाजपेयी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
पिछले 9 सालों से सक्रिय राजनीति से दूर थे अटल बिहारी
मधुमेह से ग्रस्त वाजपेयी की एक ही किडनी काम नहीं कर रही थी। 2009 में उन्हें स्ट्रोक आया था, जिसके बाद उन्हें लोगों को जानने-पहचानने की समस्याएं होने लगीं। बाद में उन्हें डिमेंशिया की दिक्कत हो गयी। उल्लेखनीय है कि अटल बिहारी वाजपेयी पिछले नौ सालों से सक्रिय राजनीति से दूर थे।
गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी 93 साल के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वह 11 जून से इलाज के लिए एम्स में भर्ती थे। एम्स में 15 अगस्त की रात उनकी तबीयत अचानक खराब हो गयी, जिसके बाद उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर पर रखा गया था। डॉक्टर्स की टीम लगातार अटल बिहारी के स्वास्थ्य पर नजर बनाये हुए थे। गुरुवार को सुबह ही उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू वाजपेयी का हाल जानने पहुंचे थे। साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी वाजपेयी को देखने एम्स पहुंचे थे।