लखनऊ, 03 नवम्बर, 2019: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के 45 हजार से ज्यादा कर्मचारियों के जीवन भर की कमाई मौजूदा योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार के कारण डूब गयी है। इस मामले में सरकार ने प्रियंका गांधी के ट्वीट के बाद ही कुछ नीचे के अधिकारियों पर नाम मात्र की कार्रवाई की, जबकि 10 जुलाई को गुमनाम शिकायत के बाद 28 अगस्त 2019 को ही घोटाले की पुष्टि हो गयी थी, फिर भी सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई समय से जानबूझकर नहीं की। बिना सरकार के संरक्षण के इतना बड़ा घोटाला नहीं हो सकता, चूंकि भाजपा सरकार की डीएचएफएल कंपनी से मिलीभगत रही, इसलिए कंपनी पर कार्रवाई करने के बजाय खुद को बचाने में लगी रही।
उन्होंने कहा कि डीएचएफएल कम्पनी में पावर कार्पोरेशन के कर्मचारियों के 99 प्रतिशत फण्ड को निर्धारित नियमों के विरूद्ध जाकर तीन प्राइवेट कम्पनियों में निवेशित किया गया, जिसमें से अकेले 65 प्रतिशत डीएचएफएल को दिया गया। इसमें से 1854 करोड़ रूपये एक एफ.डी. के माध्यम से एक साल के लिए और 2268 करोड़ की दूसरी एफ.डी. तीन साल के लिए दी गयी। पहली एफ.डी. दिसम्बर 2018 को मेच्योर होने के बाद वापस आ गयी किन्तु दूसरी एफ.डी. जो कि 2268 करोड़ रुपये की थी, डूब गयी है, जिसके लिए ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा को खुद की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
डिफाल्टर के बावजूद सरकार ने निवेश जारी रखा :
उन्होंने कहा कि डीएचएफएल एक डिफाल्टर कम्पनी है यह कम्पनी न तो सेबी में रजिस्टर्ड है न सुरक्षित(अन सेक्योर्ड) है और तमाम निवेशकों ने पहले से इस पर एफआईआर दर्ज कराये थे। इसके बावजूद भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस कम्पनी में कर्मचारियेां के भविष्य निधि का निवेश जारी रखा। आश्चर्यजनक रूप से कर्मचारियेां का पैसा तब तक इस कम्पनी में निवेश किया जाता रहा जब तक इस कम्पनी ने स्वयं पैसा लेना बन्द नहीं किया।
सिर्फ पूर्ववर्ती सरकारों पर जिम्मेदारी डालने से नहीं चलेगा काम:
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सिर्फ पूर्ववर्ती सरकार पर जिम्मेदारी डालने से काम नहीं चलेगा, जब 21 महीने में हर काम की जांच हुई तो आखिर इसे क्यों छोड़ा गया? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस कमेटी तमाम कर्मचारी संगठनों की मांगों के साथ पूरी दृढ़ता से खड़ी है, जिसमें सरकार द्वारा कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई के निवेश की जानकारी के बारे में श्वेत पत्र जारी करे और कर्मचारियों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा के विजिटर बुक की जांच कर उनसे मुलाकात करने वाले उच्च स्तर पर घोटाले से जुड़े हुए लोगों का श्रीकान्त शर्मा के साथ सम्बन्ध का पर्दाफाश किया जाए।
ऊर्जा मंत्री को किया जाय बर्खास्त:
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचार पर सदन से लेकर हर जगह जीरो टाॅलरेन्स की बात करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ क्या ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा, तत्कालीन चेयरमैन तथा एमडी को बर्खास्त कर उनके खिलाफ उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनकी आपराधिक जिम्मेदारी सुनिश्चित करेंगे। कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई को दोषी व्यक्तियेां से वापस कराने की जिम्मेदारी सरकार को सुनिश्चित करनी होगी। ऐसा न होने पर कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर सदन तक कर्मचारियेां की लड़ाई लड़ेगी।