पाकिस्तान लिंक की जांच: PIO संपर्क और विदेशी दौरों पर सवाल
लेह, 28 सितंबर 2025: लद्दाख के डीजीपी एसडी सिंह जामवाल ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया कि जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक का पाकिस्तान इंटेलीजेंस ऑपरेटिव (PIO) के एक सदस्य से संपर्क था। पुलिस ने हाल ही में इस PIO को गिरफ्तार किया था, जो महत्वपूर्ण जानकारी पाकिस्तान भेज रहा था। हमारे पास इसका रिकॉर्ड उपलब्ध है।
वांगचुक पाकिस्तान के प्रमुख अखबार ‘डॉन’ के एक इवेंट में शामिल हुए थे और बांग्लादेश का दौरा भी कर चुके हैं। इस पर सवाल उठे हैं और जांच चल रही है। वांगचुक को शुक्रवार दोपहर उनके गांव उल्याकटोपो से गिरफ्तार किया गया था। उन्हें एयरलिफ्ट कर राजस्थान के जोधपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया गया है, जो लंबे समय तक बिना जमानत हिरासत की अनुमति देता है।
सरकार ने वांगचुक को 24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा का जिम्मेदार ठहराया है। इस हिंसा में 4 युवकों की मौत हुई और 80 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें 40 पुलिसकर्मी और CRPF जवान शामिल हैं। अब तक 60 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। लेह में तीन दिनों के सख्त कर्फ्यू के बाद शनिवार दोपहर को चार घंटे की ढील दी गई, जिस दौरान लोग आवश्यक वस्तुएं खरीदने पहुंचे। स्थिति शांतिपूर्ण रही।
लेह हिंसा में क्या हुआ और क्यों?
24 सितंबर को लेह में लद्दाख स्टेटहुड और संविधान की छठी अनुसूची की मांग को लेकर प्रदर्शन हिंसक हो गया। युवाओं की भीड़ ने बीजेपी कार्यालय और सरकारी वाहनों पर हमला किया, आगजनी की। सुरक्षा बलों ने आंसू गैस, लाठीचार्ज और सेल्फ-डिफेंस में गोलीबारी की। चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई, जबकि 70-80 नागरिक और 30-40 सुरक्षाकर्मी घायल हुए। डीजीपी ने कहा कि अगर गोली न चलाई जाती तो पूरा लेह जल जाता। वांगचुक पर अरब स्प्रिंग, नेपाल और बांग्लादेश के आंदोलनों का हवाला देकर भीड़ भड़काने का आरोप है।
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी और NSA: केंद्र का रुखवांगचुक को NSA के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेजा गया, ताकि वे सार्वजनिक व्यवस्था में बाधा न डाल सकें। गृह मंत्रालय ने उनके एनजीओ SECMOL का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया, विदेशी फंडिंग उल्लंघन के आरोप में। वांगचुक ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण था। विपक्ष ने इसे ‘विच हंट’ बताया। लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस ने हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की।
पाकिस्तान लिंक की जांच: PIO संपर्क और विदेशी दौरों पर सवालडीजीपी जामवाल ने कहा कि वांगचुक का PIO से संपर्क साबित हुआ है, जो वीडियो और जानकारी भेज रहा था। वे ‘डॉन’ इवेंट में शामिल हुए और बांग्लादेश गए। FCRA उल्लंघन की जांच ED और CBI कर रही है। डीजीपी ने कहा, “उनकी विश्वसनीयता पर सवाल है, वे केंद्र-लद्दाख वार्ता को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे थे।” नेपाली नागरिकों के शामिल होने की भी जांच चल रही है।
कर्फ्यू में ढील और आगे की सुरक्षा व्यवस्थातीन दिनों के बाद शनिवार को पुराने शहर में दोपहर 1 से 3 बजे और नए इलाकों में 3:30 से 5:30 बजे तक चार घंटे की ढील दी गई। लोग ATM, दुकानों पर पहुंचे, कोई हादसा नहीं हुआ। मोबाइल इंटरनेट सस्पेंड है। डीजीपी ने कहा, “शांति बहाल करने के लिए कार्रवाई जरूरी थी।” लेफ्टिनेंट गवर्नर ने सुरक्षा समीक्षा की। मृतकों के अंतिम संस्कार में केवल निकट परिजनों को अनुमति।