54 साल बाद खुला बांके बिहारी मंदिर का खजाना: सोने-चांदी की छड़ियां और नग-सिक्के मिले, लेकिन जेवर गायब होने पर सवाल
मथुरा, 22 अक्टूबर 2025: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के तोशाखाने (खजाना कक्ष) का ताला 54 साल बाद रविवार को तोड़ा गया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति के आदेश पर हुई इस कार्रवाई में टीम को अपेक्षाकृत कम सामान मिला, लेकिन जो मिला, वह भक्ति और इतिहास का प्रतीक बन गया। मुख्य कक्ष में खाली बक्से और जेवरों के खाली बॉक्स तो मिले, लेकिन मूल्यवान आभूषण गायब थे। वहीं, तहखाने में उतरने पर सोने-चांदी की चमचमाती छड़ियां, बेशकीमती नग और पुराने सिक्के मिले, जिससे श्रद्धालुओं में हर्ष के साथ-साथ सवाल भी उठे।
प्रक्रिया के दूसरे दिन, ग्राइंडर से मुख्य दरवाजा काटने के बाद टीम अंदर दाखिल हुई। कक्ष में लकड़ी के दो संदूक – एक बड़ा और एक छोटा – मिले, जिनमें तांबे-चांदी के पुराने बर्तन, एक छोटा चांदी का छत्र (जिस पर बारीक नक्काशी थी), और 6-7 कीमती नग (कुछ लाल, कुछ हरे रंग के) पाए गए। इसके अलावा, पुराने तांबे के सिक्के भी बरामद हुए। एक लंबे लकड़ी के बक्से में सबसे आकर्षक खोज हुई – एक सोने की चमचमाती छड़ी और तीन चांदी की छड़ियां, जिन पर गुलाल के निशान थे। मंदिर के गोस्वामी दिनेश गोस्वामी ने इसे देखते हुए भावुक हो कहा, “इन छड़ियों को देखकर लगता है मानो ठाकुर जी ने होली में चांदी की छड़ियों से रंग खेला हो। होली के 4-5 दिन बाद धुरेली पर सोने की छड़ी धारण की होगी।” यह दृश्य भक्तों के बीच आस्था की लहर पैदा कर गया।

टीम ने सीढ़ियों से 30 फीट नीचे बने तहखाने तक पहुंचकर जांच की। तहखाना साफ-सुथरा मिला, लेकिन यहां भी कुछ पुरानी वस्तुएं बिखरी हुई थीं। हालांकि, उम्मीद के मुताबिक भारी मात्रा में सोना-चांदी या आभूषण नहीं मिले। 1971 में आखिरी बार खोले गए इस खजाने को तब भारतीय स्टेट बैंक के लॉकर में स्थानांतरित कर दिया गया था, लेकिन अब सवाल उठ रहे हैं कि बाकी सामान कहां गया?
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इस खोज ने श्रद्धालुओं और गोस्वामी समुदाय में हलचल मचा दी। कई संतों ने खजाने के गायब होने पर सीबीआई जांच की मांग की है। एक संत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा, “खाली बक्से और सीमित वस्तुओं से संदेह होता है कि कुछ छिपाया जा रहा है। पारदर्शिता के लिए केंद्रीय जांच जरूरी है।” मथुरा सदर डीएसपी संदीप सिंह ने मीडिया को बताया कि पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी हुई और पुलिस उपस्थित रही। सुप्रीम कोर्ट की समिति ने कहा कि सभी वस्तुओं की सूची तैयार की जा रही है, और आगे की जांच जारी रहेगी।
बांके बिहारी मंदिर, जो वृंदावन के रमण रेती क्षेत्र में स्थित है, करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र है। यह घटना न केवल धार्मिक महत्व की है, बल्कि मंदिर प्रबंधन को लेकर लंबे विवाद का हिस्सा भी। गोस्वामी समुदाय ने पहले विरोध किया था, लेकिन कोर्ट ने यूपी श्री बांके बिहारी जी मंदिर ट्रस्ट अध्यादेश-2025 पर रोक लगा दी। अब भक्तों की नजरें अगले कदमों पर हैं – क्या यह खोज मंदिर की विरासत को मजबूत करेगी या नए विवाद जन्म देगी? “अब भक्तिमय राधे-राधे” की ध्वनियां गलियों में गूंज रही हैं, लेकिन सवाल अनुत्तरित हैं।







